पिछले छह माह से राजयपाल शासन के समाप्त होते ही राष्ट्रपति ने जम्मू कश्मीर की कमान संभल ली है, हालाँकि वहां की शासन व्यवस्था के मुखिया अभी भी राजयपाल सत्यपाल मालिक ही होंगे फर्क इतना होगा की अब महत्वपूर्ण और नीतिगत फैसले राष्ट्रपति की अनुमति के बिना नहीं लिए जा सकेंगे ! जम्मू कश्मीर में पिछले छह माह से लागू राज्यपाल शासन आज खत्म हो रहा है. इसके साथ ही आज से राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो जाएगा. ज्ञातव्य है की इसी वर्ष 19 जून को भाजपा ने पीडीपी से अपना समर्थन वापस लेकर महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली गठबंधन की सरकार गिरा दी थी. जिसके बाद राज्य में राज्यपाल शासन लागू हो गया था.
हालाँकि आप को ये बात अवश्य पता होगी की जम्मू कश्मीर भारत देश का एकमात्र ऐसा राज्य है, जिसका अपना अलग संविधान है और राज्य के संविधान की धारा 92 के तहत राज्यपाल शासन लागू किया जाता है. लेकिन इसकी अवधि सिर्फ छह महीने की होती है. राज्यपाल शासन लागू होने के छह महीने बाद तक चुनी हुई सरकार न बनने की स्थिति में राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करना संवैधानिक मजबूरी है. क्योंकि राज्य में राज्यपाल शासन की अवधि कल 19 दिसंबर को पूरी हो गई है, इसलिए राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने राष्ट्रपति से राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफारिश की है. निश्चित तौर इस संबंध में जल्द ही राष्ट्रपति भवन से अधिकारिक अधिसूचना जारी जाएगी.
ध्यान रहे कि राज्यपाल शासन के राष्ट्रपति शासन में बदल जाने के बाद राज्यपाल को महत्वपूर्ण फैसले लेने से पहले राष्ट्रपति से अनुमति लेनी होगी. दूसरे शब्दों में कहा जा सकता है कि राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद जम्मू कश्मीर से जुड़े सभी महत्वपूर्ण फैसले राष्ट्रपति भवन से लिए जाएंगे. राज्यपाल सत्यपाल मलिक पहले ही विधानसभा को भंग कर चुके हैं, इसलिए अब नए चुनाव होने तक राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू रहेगा.