डीपीओ ने बताई, क्या क्या लाभ है इस योजना के
18 से 23 साल के किशोरों को भी उच्च शिक्षा के दौरान मिलेगी आर्थिक मदद
गोण्डा। कोविड-19 के कारण माता-पिता दोनों या किसी एक अथवा अभिभावक को खोने वाले बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य, देखरेख और पढ़ाई की मुकम्मल व्यवस्था सुनिश्चित करने के साथ ही प्रदेश सरकार ने अब उन बच्चों को भी हरसंभव मदद पहुँचाने की ठानी है, जिन्होंनें कोविड से इतर कारणों से कोरोना काल में अपनों को खोया है।
सरकार बच्चों ही नहीं बल्कि 18 से 23 साल के इस श्रेणी में आने वाले किशोरों की उच्च शिक्षा के लिए भी आर्थिक सहयोग प्रदान करने जा रही है, ताकि उनके सपने कोविड काल में माता-पिता या किसी एक को खोने के कारण टूटने न पाएं।
जिला प्रोबेशन अधिकारी संतोष कुमार सोनी ने बताया कि योजना के तहत 18 साल से कम उम्र के ऐसे बच्चे जिन्होंने कोरोना से इतर कारणों से पहली मार्च 2020 के बाद माता-पिता दोनों या किसी एक को अथवा अभिभावक को खोया है, उनको प्रतिमाह 2500 रूपये की मदद पहुंचाई जायेगी। इसी श्रेणी में आने वाले 18 से 23 साल के किशोर, जिन्होंने कक्षा-12 की परीक्षा उत्तीर्ण कर राजकीय डिग्री कालेज, विश्वविद्यालय अथवा तकनीकी संस्थान से स्नातक की डिग्री या डिप्लोमा प्राप्त करना चाह रहे हैं, उन्हें लाभान्वित किया जायेगा।
इसके अलावा नीट, जेईई व क्लैट जैसे राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय प्रतियोगी परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले मेधावी छात्रों को 23 वर्ष की आयु पूरी होने या स्नातक शिक्षा अथवा मान्यता प्राप्त तकनीकी संस्थान से डिप्लोमा प्राप्त करने में जो भी पहले हो तक इस योजना का लाभ दिया जायेगा। इसमें वह किशोर भी शामिल किये जायेंगे जिनकी माता तलाकशुदा या परित्यक्ता हैं अथवा जिनके माता-पिता या परिवार का मुख्य कर्ता जेल में हैं।
उन्होने बताया कि उक्त योजना के तहत उन बच्चों का भी पूरा ख्याल है, जिन्हें बाल श्रम/बाल भिक्षावृत्ति/बाल वेश्यावृत्ति से मुक्त कराकर परिवार/पारिवारिक वातावरण में समायोजित कराया गया हो या भिक्षावृत्ति/वेश्यावृत्ति में शामिल रहे परिवारों के बच्चों को भी योजना के दायरे में लाकर लाभान्वित किया जाएगा।
उन्होने बताया कि योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए ग्राम विकास अधिकारी/ग्राम पंचायत अधिकारी/ लेखपाल के पास या विकास खंड/तहसील या सीधे जिला प्रोबेशन अधिकारी के पास आवेदन किया जा सकता है। आवेदन पत्रों का सत्यापन ग्रामीण क्षेत्रों में खंड विकास अधिकारी तथा शहरी क्षेत्रों मे उप जिलाधिकारी द्वारा किया जायेगा।