अभिनेता आशुतोष राणा हुए शामिल
प्रयागराज ! निरंजनी अखाड़े की पेशवाई बुधवार की सुबह शाही अंदाज में निकली। फूलों से सुससज्जित रथों, बग्घियों, हाथी-घोड़ों पर चंवर-छत्र और हौदे के साथ सवार होकर संत और साधु निकले। इस पेशवाई में नागा साधुओं के जत्थे आकर्षण का केंद्र बने। पारंपरिक अस्त्र-शस्त्र के साथ नागा संन्यासी पेशवाई में शामिल हुए। बाघंबरी गद्दी से निकली इस पेशवाई में हाथी, घोड़े और ऊँट भी शामिल हुए। नगर देवता बजरंग बली की प्रतिमा सबसे आगे रखी गई। भस्म-भभूत लगाए कई डमरूधारक रास्तेभर प्रदर्शन करते चल रहे थे। फिल्म अभिनेता आशुतोष राणा भी पेशवाई में अखाड़ा परिषद के सचिव महंत नरेंद्र गिरि के साथ-साथ चले।
अल्लापुर स्थित महंत विचारानंद संस्कृत महाविद्यालय बाघंबरी गद्दी से निरंजनी अखाड़े की पेशवाई सुबह करीब 10 बजे शुरू हुई।
इसमें अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि महाराज के अलावा सौ से अधिक महामंडलेश्वर और महंतों ने हिस्सा लिया। परंपरागत तरीके से शाही अंदाज में हजारों की तादाद में साधु-संतों का कारवां सड़कों पर निकला। ध्वजा, पताका, घोड़ा, हाथी, ऊंट के अलावा तरह-तरह के प्राचीन अस्त्र-शस्त्र के साथ नागा संन्यासी पेशवाई में शामिल हुए।
इस पेशवाई में विदेशी संत और साध्वियां भी रथों पर नजर आए। पेशवाई में शामिल होने के लिए चंडीगढ़ के पंच अग्नि अखाड़े के सचिव महंत संपूर्णानंद ब्रह्मचारी अपने शिष्यों के साथ मंगलवार की रात को ही प्रयागराज पहुंच गए थे। इनके अलावा पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश के अलावा कई राज्यों के संत इस पेशशाही शामिल हुए। पेशवाई विभिन्न मार्गों से होकर संगम क्षेत्र में प्रवेश किया। इस पेशवाई की झलक पाने के लिए मेला क्षेत्र की सड़कों पर कतारबद्ध भीड़ लगी रही।
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