अंजनिपुत्र पवनसुत नामा…
दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी-लगभग 32%- इसाई धर्मावलंबियों की है।लेकिन सबसे ज्यादा मूर्तियां महात्मा बुद्ध की हैं।जबकि दुनिया की 10% आबादी भी बौद्ध नहीं है।बौद्ध धर्म दुनिया का पहला धर्म है,जो एक देश-मगध-से शुरू हुआ और पूरी दुनिया में फैला।
लेकिन,जहां से बौद्ध धर्म शुरू हुआ,वहां यानि बोधगया,राजगीर,सारनाथ वाले प्रदेश बिहार-यूपी में आज बौद्ध धर्मावलंबियों की संख्या अत्यंत ही सीमित है।बिहार-यूपी ही नहीं समस्त भारत में अगर सबसे ज्यादा आबादी हिन्दू या सनातन धर्मावलंबियों की है,तो सबसे ज्यादा मंदिर या धर्मस्थान शिव और हनुमान के हैं।पूरे हिन्दुस्तान में सबसे ज्यादा लोकप्रिय तस्वीरों में एक तस्वीर रामदरबार की है,जिसमें मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम पत्नी सीता के साथ हैं।भरत और शत्रुघ्न अगल-बगल हैं और रामभक्त हनुमान और लक्ष्मण चरणों में बैठे हैं।लेकिन,सच यह भी है कि हनुमान के धर्मस्थान स्वयं मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के धर्मस्थानों से ज्यादा हैं।किसी गांव में हिन्दू टोलों में सबसे पहले एक देवी स्थान बनता है,उसके बाद शिवमन्दिर और हनुमान मंदिर। महाराष्ट्र में सिद्धिविनायक (गणेश),तमिलनाडु में मुरूगन(भगवान शंकर के पुत्र कार्तिकेय), आंध्रप्रदेश में तिरूपति बालाजी,उड़ीसा में जगन्नाथ,बंगाल में काली-कोलकातावाली,उत्तर पूर्व के प्रदेशों में मां कामाख्या देवी की अपनी-अपनी लोकप्रियता और प्रासंगिकता है,लेकिन अखिल भारतीय स्तर पर भगवान शिव और उनके 11वें रूद्रावतार हनुमान संख्या बल में अन्य से आगे दीखते हैं।
देश के विभिन्न हिस्सों में हनुमान की ऊंची-ऊंची प्रतिमाएं बनी हैं।यहां ऐसी 10प्रतिमाओं की संक्षिप्त सूचना मैं संलग्न कर रहा हूं।
इन 10प्रतिमाओं के अतिरिक्त (क)संकटमोचन मंदिर,वाराणसी,(ख)त्रिवेणी संगम,प्रयागराज के निकट लेटे हनुमान और (ग)हनुमानगढ़ी,अयोध्या भी प्रसिद्ध हनुमान मंदिर हैं।हनुमानगढ़ी,अयोध्या में बाल हनुमान माता अंजनि की गोद में हैं। ं
हां!पटना के महावीर मंदिर ट्रस्ट की चर्चा के बिना यह चर्चा अधूरी रह जाएगी।पटना का महावीर मंदिर अपने देवस्थान के साथ-साथ महावीर कैंसर संस्थान, महावीर आरोग्य संस्थान,महावीर वात्सल्य चिकित्सा संस्थान जैसे विशिष्ट चिकित्सा संस्थानों के कारण भी अपनी प्रासंगिकता स्थापित करता है।
पटना तो मेरा शहर ही है,तो महावीर स्थान,पटना नहीं जाने का कोई मामला ही नहीं बनता।मैं संकटमोचन मंदिर,बनारस-लेटे हनुमान,त्रिवेणी संगम के निकट,प्रयागराज-हनुमानगढ़ी,अयोध्या ही नहीं जोखू पहाड़ी,शिमला पर स्थित हनुमान प्रतिमा भी गया हूं।
ये तमाम चर्चाएं यह बताने के लिए हो रही है कि 135करोड़ की आबादी वाले देश में लगभग 80% हिन्दू हैं और उनके बीच महावीर हनुमान के आराधकों की बड़ी फौज है।..और,जब महावीर हनुमान के आराध्य मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के जन्मभूमि मुक्ति और मंदिर निर्माण के लिए इतना बड़ा आन्दोलन चला हो कि एक राजनैतिक पार्टी अजेय दिखने लगे,तो रामभक्त हनुमान विवाद रहित कैसे हो सकते हैं?सबसे ज्यादा विवाद उनके जन्मस्थान को लेकर है।
झारखंड,हरियाणा,गुजरात, महाराष्ट्र,आंध्रप्रदेश और कर्नाटक के हनुमानभक्तों ने अपने-अपने प्रदेशों में हनुमान जन्मस्थान होने के दावे किए हैं।
इन दावों की पड़ताल अगली किश्त। में….
पंकज कुमार श्रीवास्तव
रांची