गोण्डा। श्री लाल बहादुर शास्त्री डिग्री कालेज, गोण्डा में आयोजित सात दिवसीय संस्कृत सम्भाषण वर्ग के दूसरे दिन संस्कृत भारती की सरल मानक विधि से बच्चों में सम्भाषण का अभ्यास कराया गया। उपस्थापन व प्रयोग विधि से संस्कृत सम्भाषण पढ़ना बच्चों के लिए नये अनुभव से कम नहीं था।
द्वितीय दिवस का प्रारम्भ मंगलाचरण और समापन शान्ति मन्त्र के साथ किया गया। इस अवसर पर बोलते हुए महाविद्यालय प्रबन्ध समिति की उपाध्यक्ष ने कहा कि हमें हिन्दी और अंग्रेजी को राष्ट्रीय भाषा बनाने हेतु प्रयास करना चाहिए। संस्कृत आदि भाषाओं का चयन स्वेच्छा से करें मजबूरी से नहीं। संस्कृत भाषा की प्रासंगिकता वैदिक काल से लेकर अब तक उतनी ही है। यह हमारा मानवीय धर्म है कि हम अपनी भाषा को विश्वपटल पर सम्मान दिलाने का प्रयत्न करना चाहिए।
जो कार्य आप कर रहे हैं यदि वह आपको सरल लगता है तो आप निश्चित रूप से सफल होंगे।
धन्यवाद ज्ञापन संस्कृत विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो.मंशाराम वर्मा ने किया। इस अवसर पर महाविद्यालयीय प्राध्यापक प्राध्यापिकाओं में डा.अवधेश वर्मा, डा,मनीष मोदनवाल, डा.वन्दना भारतीय, डा.पल्लवी, डा.रामिन्त पटेल, डा.ममता शुक्ला, डा.अच्युत शुक्ला, रामभुलावन प्रजापति आदि उपस्थित रहे।