गोंडा। ग्राम सीहागांव तहसील गोंडा सदर में पूर्ति निरीक्षक के संरक्षण में कोटेदार के मृत्यु उपरांत कोटा पहले छाछपारा कोटेदार के साथ संबद्ध किया गया लेकिन तयशुदा अनुचित लाभ (रिश्वत) न पाने के कारण मृतक कोटेदार के भाई व परिजनों से मिलीभगत व सांठ गांठ करके कोटा गौरवा कानूनगों के साथ संबद्ध करके मृतक कोटेदार के घर पर सरकारी खाद्यान क़ा स्टाक रखवा कर वहीं से अर्थात मृतक कोटेदार के घर से राशन क़ा वितरण कराकर मृतक कोटेदार के परिजन एवं पूर्ति निरीक्षक तथा संबद्ध कोटेदार आपस में मिलीभगत व अनियमतता तथा भ्रष्टाचार करके बंदर बाँट कर रहे हैं तथा भविष्य में कोटे के चयन को प्रभावित कराने के उद्देश्य से पूर्ति निरीक्षक द्वारा अपने चहेतो को लाभ पहुंचाना चाहते हैं
इस मामले की शिकायत सीहागांव प्रधान द्वारा उपजिलाधिकारी सदर गोंडा से की गयी जिसकी जांच में स्टाक मृतक कोटेदार के घर पर पाया गया लेकिन पूर्ति निरीक्षक ने अपनी आख्या में किसी भी प्रकार क़ा अनियमितता व कार्यवाही की कोई संस्तुति न करके महज औपचारिक जांच आख्या उपजिलाधिकारी गोंडा को सौंप दी हैं जिससे पूर्ति निरीक्षक की भूमिकाः संलिप्त प्रतीत हो रही हैं लेकिन अब देखना यह हैं कि उपजिलाधिकारी प्रकरण को कितनी गंभीरता से लेते हैं और कोटे क़ा स्टाक एवं वितरण सार्वजनिक स्थान पर निष्पक्ष रूप से कराते हैं या पूर्ति निरीक्षक के सांठ गांठ व अनियमतता को बरकरार रखते हैं।