परिजनों ने पुलिस पर जड़े कई गंभीर आरोप
गोंडा। चर्चित भूमि घोटाले में 18 दिन बाद गिरफ्तार हुए दूसरे आरोपी सालिकराम सिंह की रहस्यमयी तरीके से मृत्यु हो गई। मामले में जेल पुलिस ने उसकी तबीयत खराब होने की बात कहते हुए सुबह उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया था जहां उसकी मृत्यु हो गई। अस्पताल रिकार्ड के अनुशार उसे सांस लेने में तकलीफ के चलते सुबह 05:40 मिनट पर पुलिस के द्वारा जेल से लाकर भर्ती कराया गया था,जहां दो घंटे के पश्चात 07:10 पर उसकी इलाज के दौरान मृत्यु हो गई।
अस्पताल प्रशासन ने अस्पताल में हंगामा बढ़ता देख लाश को मर्चरी में सुरक्षित करवा दिया जिसे दोपहर 03:15 बजे पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
चर्चित भूमि घोटाले के अधिवक्ता बृजेश कुमार अवस्थी की गिरफ्तारी के बाद हुई दूसरी गिरफ्तारी में परसपुर मौजा खैरा के ग्राम वृंदावन निवासी सालिकराम सिंह पुत्र शिवदयाल सिंह को पुलिस ने बीते रोज गिरफ्तार किया था। सोमवार को पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश करने के बाद न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था।
मंगलवार के रोज सुबह सूचना प्राप्त हुई की सालिकराम की अचानक तबियत खराब होने से अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
इस संबंध में मृतक के सगे भाई सूर्य बख्श सिंह ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस ने नियम कानून को ताक पर रखते हुए उसके परिवार के साथ अन्याय किया है। उन्होंने बताया की तीन दिन पहले पुलिस एस टी एफ के जवानों ने उनके भाई सालिकराम को तेलबारी गांव रामनगर बाराबंकी से गिरफ्तार किया था,जो कि अपने दामाद के यहां बाराबंकी में था। जबकि पुलिस इस मामले में गिरफ्तारी अंबेडकर चौराहा बता रही है। मेरे भाई की गिरफ्तारी के बाद घरवालों को कोई सूचना भी पुलिस ने नही दी। मीडिया में चल रही खबरों से उन्हे पता चला की गिरफ्तारी हुई है। आज तीन दिन बाद सुबह उन्हे सूचना मिली कि सालिकराम की तबियत ज्यादा खराब थी जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। मैं जानता हूं की मेरे भाई को कोई बीमारी नहीं थी,और न ही वह बीमार था,ऐसी दशा में आखिर मेरे भाई की अचनक तबियत खराब होना और मौत हो जाना अविश्वशनीय है। उन्होंने पुलिस की कार्यशैली को संदिग्ध बताया।
इस बारे में पुलिस कप्तान से फोन पर संपर्क किया गया किंतु कोई बात न हो सकी।
जिले में पुलिस हिरासत में हुई मौत की यह दूसरी घटना है इसके पूर्व नवाब गंज में एस टी एफ के द्वारा एक मौत का प्रकरण सामने आ चुका है जिसमे बहुत बवाल मचा था।इस मामले में पुलिस फोर्स पर स्थानीय लोगों ने पथराव कर दर्जनों गाड़ियों को छतिग्रस्त कर दिया था।
इस घटना में भी घरवाले सालिकराम की मौत को संदिग्ध मान रहे है।
सच्चाई क्या है यह तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही पता चलेगा।लेकिन पुलिस हिरासत में अचानक बीमार होकर मृत्यु हो जाने की यह परिपाटी अब आम बनती दिखाई पद रही है,जो कानून व्यवस्था के साथ साथ नागरिकों के लिए भी आत्म घातक है।