24 दिसम्बर को राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के रूप में मनाया जाता है। बैंकों को भी अपने ग्राहकों को हो रही समस्याओं और शिकायतों के अच्छे से और जल्दी से निपटारे के बारे में सोचने की आवश्यकता है। विभिन बैंकों में एक दिन में सेंकडो शिकायतें आती हैं और अलग अलग जगहों बैंक की शाखा, ग्राहक शिकायत केन्द्र, क्षेत्रिय कार्यलय, अंचल कार्यलय, प्रधान कार्यलय और बैंकों के चेयरमैन को भेजने से सेंकडों शिकायतें हजारों में तबदील हो जाती हैं। रिजर्व बैंक के आंकड़ो के अनुसार जिन शिकायतों का समाधान 30 दिनों में संबन्धित बैंक से नहीं हो पता, 2020-21 में ऐसी शिकायतों की संख्या 3 लाख से ज्यादा रही है यानीं एक दिन में 1000 से ज्यादा शिकायतें रिजर्व बैंक को मिलती हैं।
रिजर्व बैंक को ग्राहकों की सुविधा के लिये एकीकृत शिकायत पोर्टल को सभी बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के ग्राहकों की सभी तरह की शिकायतों के लिये भी शुरू करना चाहिये । अभी किसी भी तरह की शिकायत के लिए ग्राहक सम्बंधित बैंक में अपनी शिकायत करता है, ज्यादातर ग्राहक अपनी शिकायत को बैंक की शाखा, ग्राहक शिकायत केन्द्र, क्षेत्रिय कार्यलय, अंचल कार्यलय, प्रधान कार्यलय और बैंकों के चेयरमैन तक को अलग अलग कर देते हैं, जिससे एक ही शिकायत पर सभी जगहों पर अलग अलग कार्यवाही शुरू हो जाती है और एक ही शिकायत के लिए बैंकों की मैनपावर का नुक्सान होता है । यदि बैंकों के लिए भी एकीकृत शिकायत पोर्टल की शुरुआत होती है तो ग्राहक किसी भी बैंक की शिकायत एक पोर्टल पर करेगा और उस पोर्टल से शिकायत को सम्बंधित बैंक को भेज दिया जायेगा और ग्राहकों को शिकायत के लिय अलग अलग अधिकारीयों और कार्यालयों को भेजना नहीं पड़ेगा । इससे बैंकों की कार्यक्षमता में भी लाभ होगा। इस एकीकृत शिकायत पोर्टल में शिकायत दर्ज होने के बाद यदि एक निश्चित समय में शिकायत का समाधान नहीं होता तो ऐसी शिकायत अपने आप भारतीय रिजर्व बैंक की एकीकृत लोकपाल योजना के पोर्टल पर चली जाएगी जिससे ग्राहक को 30 दिनों में शिकायत का समाधान न होने की स्थिति में अलग से शिकायत नहीं करनी पड़ेगी।
एकीकृत शिकायत पोर्टल से जहाँ कम कर्मचारियों के साथ बैंक शिकायतों का समाधान कर सकेंगे वहीँ ग्राहक पोर्टल के द्वारा अपनी शिकायत की स्थिति की जानकारी भी ले सकेंगे।
वॉयस ऑफ़ बैंकिंग ने बैंकों के ग्राहकों के हितों से जुड़े इस सुझाव को पत्र द्वारा रिजर्व बैंक के गवर्नर को भेजा है।
अशवनी राणा
फाउंडर
वॉयस ऑफ बैंकिंग