गोण्डा। यूनिसेफ के सहयोग से नालंदा संस्था द्वारा संचालित मदरसा परियोजना के अंतर्गत पांच दिवसीय अनुदेशक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन देवीपाटन मण्डल के चारों जनपद गोण्डा, बलरामपुर, बहराइच एवं श्रावस्ती में एक साथ सम्पन्न हुआ।
नालन्दा संस्था, लखनऊ के कार्यकारी निदेशक प्रभात झा ने बताया कि नालंदा एक शैक्षिक सन्दर्भ केन्द्र के रूप में विगत 25 वर्षों से उत्तर प्रदेश एवं देश के अन्य राज्यों के विभिन्न जिलों में कार्य कर रहा है। विगत वर्षों में नालंदा द्वारा बुनियादी शिक्षा में गुणात्मक सुधार लाने व 6 से 14 वर्ष के बच्चों को शिक्षा की परिधि में लाने का कार्य किया जा रहा है। इसी क्रम में नालंदा संस्था, यूनिसेफ एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के संयुक्त प्रयास से देवीपाटन मण्डल में मदरसा परियोजना के तहत् मुस्लिम समुदाय के दीनी तालीम प्राप्त कर रहे 6 से 8 वर्ष के लगभग 3100 बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा के विषयों को पढ़ाने के अवसर उपलब्ध कराने व उन्हें शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए 100 लर्निंग केंद्रों का संचालन किया जा रहा है। इन केन्द्रों में बच्चों को हिन्दी एवं गणित की दक्षता प्रदान करने हेतु अनुदेशकों की तैनाती की गई है। इन समस्त अनुदेशकों का क्षमतावर्धन हेतु पूर्व में प्रथम चरण के अंतर्गत पांच दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया जा चुका है तत्पश्चात 27 फ़रवरी से 3 मार्च तक द्वितीय चरण के अंतर्गत पांच दिवसीय प्रशिक्षण का पुनः आयोजन किया गया, जिसके तहत् जनपद गोण्डा में प्रशिक्षक मण्डल बबिता झा व मसीहुद्दीन, बलरामपुर में पंकज कुमार मौर्या व अमानत अली, बहराइच में आसिम सिद्दीकी व अब्दुल वली और श्रावस्ती में अशफ़ाक अहमद अंसारी, आफताब आलम व सद्दाम ख़ान द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम सकुशल संपन्न कराया गया।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रथम चरण के प्रशिक्षण की गतिविधियों को लागू करने के बाद फ़ायदे व कठिनाइयां, भाषा शिक्षण का अर्थ, आवश्यकता एवं उपयोगिता, प्राथमिक स्तर पर भाषा शिक्षण के उद्देश्य एवं सीखने की प्रक्रिया, वर्कशीट आधारित भाषा एवं गणित शिक्षण अभ्यास, बुनियादी स्तर पर गणित शिक्षण के उद्देश्य एवं सीखने की प्रक्रिया, नेतृत्व के प्रकार, मूलयांकन की विधियां, पाठ्य योजना व कार्य योजना निर्माण सहित विभिन्न बिन्दुओं पर बड़े समूह और छोटे समूह में चर्चा की गई।
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