गोण्डा। भगवान भोलेनाथ के साधना का मास पावन अधिकमास में चल रहे सवा लाख पार्थिव पूजन एवं श्री शिव महापुराण कथा के तृतीय दिवस की कथा में शिव पार्वती मंगल उत्सव बड़े ही धूम धाम के साथ मनाया गया,, शिव बारात गोंडा स्थित बाबा दुःखहरण नाथ मंदिर प्रांगण के चलकर कथा पंडाल तक बहुत धूम धाम के साथ पहुंची,,
पूज्य महाराज व्यास पीठ से शिव-पार्वती मंगल उत्सव की कथा सुनाते हुए बताए कि शिव जी जब माता पार्वती से विवाह रचाने के लिए पहुंचे तो अपने साथ भूत-प्रेत और चुड़ैलों की बाराती लेकर पहुंचे. इन्होंने ही शिवजी का श्रृंगार भी किया था. शादी के लिए शिवजी का भस्म से श्रृंगार किया गया और हड्डियों की माला पहनाई गई. जब ऐसी अनोखी बारात लेकर शिव बारातियों के साथ पार्वती के द्वार पर पहुंचे तो सभी डर गए और हैरान रह गए. पार्वती की माता मैनावती ने तो विवाह से इंकार कर दिया था. तब पार्वती ने शिव जी से प्रार्थना करते हुए कहा कि वह विवाह के रीति-रिवाजों के अनरूप तैयार हो जाएं. शिवजी मान गए और इसके बाद देवताओं द्वारा शिवजी को दूल्हे के रूप में तैयार किया गया. जब शिवजी दूल्हा बनकर तैयार हो गए तो उनका दिव्य रूप देखकर सभी चकित रह गए. रानी मैनावती भी विवाह के लिए मान गई. इसके बाद बाराती-शराती, भूत-प्रेत, सभी देवता और सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा जी की मौजूदगी में शिव-पार्वती का विवाह संपन्न हुआ.