गोण्डा। नागरिक सुरक्षा के नियंत्रक नगर के जिलाधिकारी होते हैं, इसलिए नागरिक सुरक्षा के स्वयंसेवक जिला प्रशासन के अंग के रूप में कार्य करते हैं। ये बात गोंडा नागरिक सुरक्षा के प्रभारी सहायक उपनियंत्रक मनोज वर्मा ने एक बैठक के दौरान कही।
गौरतलब है कि भारत सरकार ने उत्तर प्रदेश के नौ नगरों में नागरिक सुरक्षा विभाग की शुरुआत की मंजूरी प्रदान की है। इन नौ नगरों में से एक नगर गोंडा भी है। गोंडा के प्रभारी मनोज वर्मा ने बताया कि गोंडा में सिविल डिफेंस को सक्रिय करने के लिए नगर के अलग अलग स्थानों पर बैठके आयोजित की जा रही हैं। ऐसी ही एक बैठक आज शहर में आवास विकास कॉलोनी स्थित चीफ वार्डन डॉ राजेश कुमार श्रीवास्तव के आवास पर आयोजित की गई। जिसमे शहर के अनेको संभ्रांत गणमान्य नागरिकों ने भाग लिया और नागरिक सुरक्षा कोर से जुड़ने का आश्वासन दिया।
वरिष्ठ सहायक उपनियंत्रक सुमित मौर्य ने कहा कि नगर में इस समय आम नागरिकों के साथ अलग अलग क्षेत्र में बैठके की जा रही हैं और नागरिक सुरक्षा की जानकारी प्रदान की जा रही है और आम नागरिकों को नागरिक सुरक्षा कोर से जोड़ने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। शहर के इच्छुक नागरिकों को नागरिक सुरक्षा में कार्य करने हेतु स्वयंसेवक (वार्डन) के रूप में भर्ती किया जाएगा और फिर गहन प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। नगर के चीफ वार्डन डॉ राजेश कुमार सिंह ने भी सिविल डिफेंस से जुड़ने के लिए लोगो को प्रेरित किया और ये आश्वासन दिया कि जल्द ही नगर में निष्काम भाव से कार्य करने वाले लोगो सिविल डिफेंस से जोड़ा जाएगा जो जिला प्रशासन का सहयोग करेंगे।
इस अवसर पर बैठक के अंत मे डिप्टी डिवीज़नल वार्डन दीपक सिंह ने ये आश्वासन दिया कि नगर गोंडा के सम्मानित व्यक्ति जो नागरिक सुरक्षा की आज की बैठक में भाग ले रहे हैं, वो आने वाले दिनों में नगर का नाम रोशन करते नजर आएंगे। साथ ही जो भी दायित्व सौंपा जाएगा उसे निष्ठापूर्वक संपादित करेंगे और नागरिक सुरक्षा को मजबूती प्रदान करेंगे।
नागरिक सुरक्षा की बैठक में भाग लेने वालो में मुख्य रूप से सहायक उपनियंत्रक सुमित मौर्य, मनोज वर्मा, चीफ वार्डन डॉक्टर राजेश कुमार, दीपक सिंह, अश्वनी कुमार, दीपक श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।