इंदौर (मप्र)। हिन्दी भाषा के रचनाशिल्पियों को सतत स्पर्धा से प्रोत्साहित किए जाने के क्रम में इस बार 78 वीं स्पर्धा ‘स्वतंत्र देश और हमारी जिम्मेदारी…’ विषय पर कराई गई। इसमें गद्य में प्रथम विजेता डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’ और हेमराज ठाकुर बने हैं।
यह जानकारी मंच-परिवार की सह-सम्पादक श्रीमती अर्चना जैन व संस्थापक-सम्पादक अजय जैन ‘विकल्प’ ने दी। श्रीमती जैन के अनुसार हिन्दी की लोकप्रियता और बढ़ाने की दृष्टि से इस स्पर्धा में प्राप्त प्रविष्टियों में से निर्णायक मंडल ने गद्य में डॉ. ‘श्रेया’ (झारखंड) के आलेख ‘लगातार प्रयासों से ही हमारा देश कहलाएगा विश्व गुरु’ को प्रथम विजेता चयनित किया है। इसी वर्ग में आलेख ‘सामाजिक व्यवस्था में मूलभूत संशोधन की आवश्यकता’ के लिए विजयलक्ष्मी विभा (उप्र) को द्वितीय विजेता एवं ‘राष्ट्र के प्रति नागरिक-दायित्व और निष्ठा’ हेतु प्रो. डॉ. शरद खरे (मप्र) को तीसरा स्थान दिया है।
प्रचार प्रमुख श्रीमती ममता तिवारी ‘ममता’ (छग) ने बताया कि, उक्त स्पर्धा में पद्य वर्ग में ’26 जनवरी पावन बेला जय गणतंत्र’ हेतु हेमराज ठाकुर (हिमाचल प्रदेश) को पहला स्थान मिला है, तो द्वितीय स्थान पर दिनेश चन्द्र प्रसाद ‘दीनेश’ (पश्चिम बंगाल) की रचना ‘प्यारा-दुलारा भारत तंत्र’ है।
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