(सुरेश चंद्र तिवारी)
गौशाला में भरे गौवंशों को भूसा नहीं दे रहा है ठेकेदार
परसपुर (गोण्डा)।भूख से बिलबिलाते गोवशों को देखकर मन दुःख दर्द द्रवित हो उठता है , पिछले एक सप्ताह से गौशाला में छटाक भर भूसा ठेकेदार ने नहीं डाला है, गौवंशों को भूसा पानी देने वाला श्रमिक पशुओं की हालत देखकर आहत है!
आपको बताते चलें कि परसपुर नगर पंचायत में परसपुर थाने के ठीक बगल एक गौशाला संचालित किया जा रहा है जिसमें करीब 15 गाय बछड़ा भरे हुए हैं ,ताज्जुब हो रहा है की उक्त गाय बछड़ों को दाना चारा उपलब्ध कराने का दायित्व एक ठेकेदार को दे दिया गया है,अपना दायित्व पाने के बाद उक्त ठेकेदार एक छंटाक भूसा उक्त गौशाला में नहीं भेज रहा है, जहां सभी पशु भूख से बिलबिला रहे हैं,आज हालत यह है कि उक्त पशुओं का पेट और पीठ एक में चिपक चुका है , कुछ पशु तो ऐसे दिख रहे हैं जो चलते हैं तो लड़खड़ाते है, कुछ की हालत ऐसी हो गई है की वह चंद दिनों के मेहमान दिख रहे हैं यानी वह मौत के मुंह में जाने वाले प्रतीत हो रहें हैं!
सरकारें आतीं हैं तो विभिन्न समस्याओं का निराकरण करने के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं बनवातीं है,उसी में एक योजना यह भी थीं कि जो पशु छुट्टा घूम रहे हैं उन्हें गौशाला में रखकर प्रयाप्त मात्रता में चारा दाना और पानी दिया जाएं लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है “अधिकारियों के द्वारा योजनाएं तो बना दीं जाती है परन्तु योजना की जमीनी हकीकत क्या है इस बात पर सब लोग मौन रहते हैं !
धरातल पर ना दाना चारा खिलाया जाता है और ना कोई इन पशुओं को देखने वाला होता है, जहां यह बेजुबान तड़प तड़प कर मरने पर विवश हो रहें हैं!
परसपुर नगर पंचायत में संचालित गौशाला में सप्ताह से ऊपर हो चुका है छंटाक भर भूसा नहीं है , भूसा पानी देने वाला श्रमिक चाहकर भी भूखे पशुओं को कुछ नहीं खिला पा रहा है चूंकि चारा ही नहीं है तो डालें क्या?? क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि तो कभी झांकने तक नहीं आतें हैं क्योंकि वर्तमान सरकार के वह नुमाइंदे है!
इस संदर्भ में जिला मजिस्ट्रेट से टेलीफोनिक सम्पर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन वह विफल रहा, तदोपरांत जिला मजिस्ट्रेट के आवास पर लगें टेलीफोन पर सम्पर्क किया गया तो उपस्थित कर्मचारी ने समस्याओं को नोट कर जिला पंचायत कार्यालय से भूसा का प्रबंध कराने का आश्वासन दिया!
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