उत्तर प्रदेश गोंडा लाइफस्टाइल

डी एम् नितिन बंसल की अनोखी पहल, कैसे बचें वज़्रपात से, दिए आवश्यक टिप्स

वज्रपात के दौरान सावधानियां बरतें जनपदवासी- जिलाधिकारी

गोण्डा ! खराब मौसम को देखते हुए जिलाधिकारी डा0 नितिन बंसल ने राहत आयुक्त उ0प्र0 शासन से वज्रपात के दौरान ‘‘क्या करें-क्या न करें‘‘ के सम्बन्ध प्राप्त गाइड लाइन के अनुसार जनपद वासियों की सुरक्षा के दृष्टिगत अपील जारी करते हुए कहा है कि चक्रवात, बाढ़, सूखा, भूकंप, वज्रपात और आंधी आदि के कारण प्राकृतिक आपदा हो सकती है। उत्तर प्रदेश में विशेष रूप से मानसून की अवधि के दौरान कई आपदाओं का खतरा रहता है। हाल के वर्षों में वज्रपात एक अत्यन्त खतरनाक प्रायः घटित होनी वाली आपदाओं में से एक है। आम जन-मानस के मध्य इसके प्रति जागरूकता का काफी अभाव है, जिसके कारण प्रदेश में बड़ी संख्या में जनहानि हो रही है।

जनसामान्य से अपील करते हुए उन्होने बताया कि वज्रपात एक प्राकृतिक आपदा-आसमान में अपोजिट एनर्जी के बादल हवा से उमड़ते और घुमड़ते रहते हैं। यह विपरीत दिशा में जाते हुए टकराते हैं इससे होने वाले घर्षण के बिजली पैदा होती है, जो धरती पर गिरती है। आसमान में किसी तरह का कंडक्टर न होने से बिजली पृथ्वी पर कंडक्टर की तलाश में पहंुच जाती है, जिससे नुकसान पहुंचता है। धरती पर बिजली पहंुचने के बाद बिजली को कंडक्टर की जरूरत पड़ती हैैै। आकाशीय बिजली जब लोहे के खंभों के अगल-बगल से गुजरती है तो वह कंडक्टर काम करता है उस समय यदि कोई व्यक्ति उसके सम्पर्क में आता है तो उसकी जान तक जा सकती है। उन्होंने बताया कि आसमानी बिजली का असर ह्यूमन बाडी पर कई गुना होता है। डीप बर्न होने से ट्यूज डैमेज हो जाते हैं। उनको आसानी से ठीक नहीं किया जा सकता है। बिजली का असर नर्वस सिस्टम पर पड़ता है। हर्टअटैक होने से मौत हो जाती है। इसके असर से शारीरिक अपंगता का खतरा होता है। लोगों द्वारा जोखिम कम कर के और अपनाये जाने वाले सुरक्षा उपायों के बारे में जागरूकता कमी के कारण बिजली गिरने और वज्रपात के दौरान चोट और मृत्यु हो जाती है।

जिलाधिकारी ने बताया कि वज्रपात के दौरान आसमान में अंधेरा छा जाये और तेज हवा हो तो सकर्तक हो जायें। यदि आप गड़गड़ाहट सुनते हैं तो समझ लें कि वज्रपात होने वाला है। जब तक बिल्कुल आवश्यक न हो बाहर न जायें। उन्होंने बताया कि उक्त परिस्थितियों में घर के अन्दर रहे और यदि सम्भव हो यात्रा से बचें, साइकिल, मोटर साइकिल, टैªक्टर आदि वाहनों से नीचे उतरें क्योंकि यह बिजली को आकर्षिक कर सकते हैं। अपने घर के बाहर खिड़कियों और दरवाजों और सुरक्षित वस्तुओं को बन्द कर दें तथा यह सुनिश्चित करें कि बच्चें और जानवर अन्दर हैं। अनावश्यक बिजली के उपकरण को अनप्लग करें तथा पेड़ की लकड़ी या किसी अन्य मलबे को हटा दे जो हवा में उड़कर दुर्घटना का कारण बन सकता है। उन्होंने बताया कि वज्रपात पशुधन के लिये एक बड़ा खतरा है। आंधी के दौरान पशुधन अक्सर पेड़ों के नीचे इकट्ठा हो जाते है और एक ही वज्रपात में कई जानवरों की जान जा सकती है। ऐसे में जानवरों को आश्रय में ले जाना चाहिये। उन्होंने बताया कि वज्रपात होने पर धातु के औजार जैसे- कुदाल, कुल्हाड़ी, छाता, धातु का झूला, बगीचे की धातु की कुर्सी, छाते कैंची, चाकू आदि जैसी धातु की वस्तुओं से निकटता से बचने के लिये सावधानियां बरती जाये। यदि आप सेन्ट एल्मों फायर (कोरोना डिस्चार्ज) को देखते या सुनते हैं तो यह खतरा काफी गम्भीर है, इससे बचना चाहिये। वज्रपात होने पर दोनों पैरों  और घुटनों को मोड़कर फर्श पर बैठ जायें और कान दोनों हाथों से बन्द कर लें आदि सावधानियां जन मानस को वज्रपात होने पर बरतनी चाहिये।

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राजेंद्र सिंह

राजेंद्र सिंह (सम्पादक)

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