कन्नौज। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने आज एक प्रभावी पहल करते हुए गुमशुदा बच्चो, उनकी बरामदगी, पास्को अधिनियम, किशोर न्याय और बाल अपचारो के प्रति समाज को जागरूक करने के लिए एक वृहद कार्यशाला का आयोजन किया। जनपद न्यायालय के सभागार में आयोजित इस कार्यशाला में जिले के सभी न्यायाधीश, सभी अभियोजन अधिकारी, पुलिस के आला हुक्काम, और सभी 9 थानों के प्रतिनिधि जुटे और काफी सार्थक चर्चा हुई। हालांकि इस समूचे प्रकरण में बेहद प्रभावशाली भूमिका निभाने वाले किशोर न्याय बोर्ड और बाल कल्याण समिति के सदस्य परिदृश्य से गायब रहे।
जिला अभियोजन अधिकारी अपराध मो0 सालिम ने जहां इस बाल संरक्षण अधिनियम 2015 के प्रावधानों पर विस्तार से प्रकाश डाला और याद दिलाया कि बच्चे के गायब होने की सूचना मिलते ही पुलिस का दायित्व प्रारम्भ हो जाता है और इसमें मामूली सी भी चूक खतरनाक हो सकती है।
शासकीय अधिवक्ता तरुण चंद्रा ने प्रशासन को इस तरह के मामलों में संवेदन शील होने का मंत्र दिया तो स्थायी लोक अदालत के अध्यक्ष शशिमौलि तिवारी ने यह कहकर सभागार में सन्नाटा फैला दिया कि गायब हो रहे बच्चो और किशोरों की मानव तस्करी व्यापक पैमाने पर की जा रही है। उन्होंने कहा कि यह बेहद संवेदन शील विषय है और यह देश का एकमात्र अधिनियम है जिसमे किशोरों को छोड़कर किसी का कोई अधिकार नही। अधिनियम में सिर्फ दायित्व का निर्धारण है। उन्होंने यह भी कहा गायब हो रहे बच्चो और किशोरों के साथ बलात्कार, और मानव तस्करी, अंगो की तस्करी जैसे जघन्य अपराध जुड़े है इसलिए इन्हें बेहद संवेदनशीलता और गंभीरता से लिये जाने की जरूरत है।
पुलिस क्षेत्राधिकारी सदर श्रीकांत प्रजापति ने आंकड़े प्रस्तुत कर दावा किया कि कन्नौज में स्थिति काफी बेहतर है। उनके मुताबिक 29 की गुमशुदगी के सापेक्ष 22 की बरामदगी की जा चुकी है और शेष के लिए पुलिस लगातार प्रयासरत है।
जनपद न्यायाधीश मुशीर अहमद अब्बासी ने कहा कि इस कार्यशाला का उद्देश्य सभी संबंधित अफसरों की अवचेतन संवेदना को झकझोर कर जगाना भर था और यह अपने उद्देश्य में पूरी तरह सफल रही।
विधिक सेवा प्राधिकरण की सदस्य सचिव प्रियंका सिंह ने सभी को इस कार्यशाला के आयोजन भागीदारी करने के लिए धन्यवाद दिया और माना कि कार्यशाला अपने उद्देश्य में सफल रही।