उत्तर प्रदेश लाइफस्टाइल

प्रथम राष्ट्रपति की जयंती पर न्यायिक अफसरों किये कई आयोजन, पढ़ी गई संविधान की प्रस्तावना

Written by Reena Tripathi

कन्नौज। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के बैनर तले नवीन न्यायालय परिसर में मंगलवार को संविधान सभा के अध्यक्ष और देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद की जयंती के उपलक्ष्य में एक वृहदायोजन किया गया। अपर जिला जज रामवरन सरोज की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में भारतीय संविधान की प्रस्तावना को पढ़कर सुनाया गया।

बिहार के सिवान जिले के जीरादेई गाव में 3 दिसंबर 1884 को महादेव सहाय और कमलेश्वरी देवी के घर जन्मे राजेन्द्र बाबू शुरू से ही मेधावी थे। छपरा के प्रारंभिक स्कूल में शिक्षा पाने के बाद उन्होंने मात्र 18 वर्ष की आयु में कोलकाता विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा में प्रथम स्थान पाया। उन्हें विश्वविद्यालय की ओर से 30 रुपये मासिक छात्रवृति मिली और उन्होंने प्रेसीडेंसी कालेज में प्रवेश लेकर विधि स्नातक की पढ़ाई पूरी की। इस परीक्षा में भी उन्होंने टॉप किया और परीक्षकों ने उनकी उत्तर पुस्तिका पर लिखा” एक्जामिनी इज वाइजर देंन एक्जामिनर”। 1931 के नमक सत्याग्रह और 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही और वे जेल भी गए। 26 जनवरी 1950 को भारत को संप्रभु गणराज्य का दर्जा मिलने पर वे देश के पहले राष्ट्रपति बने और लगातार 2 बार देश के प्रथम नागरिक रहे। उन्होंने 1906 में बिहारी छात्रों के लिए स्टूडेंट कांफ्रेंस और 1913 में डॉन सोसाइटी की स्थापना की। इन संस्थाओं ने देश को अनुग्रह नारायण सिंह और श्रीकृष्ण सिन्हा जैसे ख्यातिनाम राजनेता दिए। राजेन्द्र बाबू को बाद में देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ” भारत रत्न ” से भी अलंकृत किया गया।

इस आयोजन के अवसर पर संविधान की प्रस्तावना को पढ़ा गया और इसमें उल्लिखित विन्दुओं के अक्षरशः पालन की शपथ भी ली गयी। आयोजन में विशेष न्यायाधीश एससी एससी एक्ट सत्येंद्र बाजपेई और विधिक सेवा प्राधिकरण की सदस्य सचिव प्रियंका सिंह की अति विशेष भूमिका रही।

बाद में प्राथमिक विद्यालय मेहंदीपुर कन्नौज में विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से प्रस्तावित लोक अदालत के प्रचार प्रसार और राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 की जानकारी देने के लिए एक शिविर का आयोजन किया गया। इस आयोजन में अंतरराष्ट्रीय विकलांग दिवस के अवसर पर विकलांगो के अधिकार और उनके प्रति समाज और सरकार की जिम्मेदारियों का उल्लेख करते हुए इसके लिए कानूनी प्रावधानों की भी चर्चा की गई।

ग्रामीणों को बताया गया कि उन्हें देश के सम्मान के प्रतीक चिन्ह राष्ट्र ध्वज का सम्मान कैसे कैसे करना चाहिए और राष्ट्र गान की अनुगूंज कान में पड़ते ही सावधान की मुद्रा में खड़े होकर इसका सम्मान करना चाहिए।

ग्रामीणों को समझाया गया कि उन्हें राष्ट्र की संपत्ति, रेल, बस, जल, जंगल और जमीन की रक्षा करनी चाहिए। प्राधिकरण की पूर्ण कालिक सचिव प्रियंका सिंह के अलावा नायब तहसीलदार भूपेंद्र विक्रम सिंह ने भी संबोधित किया। उन्होंने 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके नवजवानों को मतदाता बनने और मताधिकार का प्रयोग कर राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान की महत्ता भी समझाई।

वही दूसरी ओर अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व उमेश चन्द्र उपाध्याय ने डा0 राजेन्द्र प्रसाद जयंती के अवसर पर कलेक्ट्रेट सभागार में समस्त अधिकारियों/कर्माचारियों को भारतीय संविधान की प्रस्तावना की शपथ दिलायी। उन्होनें शपथ दिलाते हुये कहा कि भारत के संविधान मे दिये गये मूल कर्तव्यों का पालन करेगें, संवैधानिक आर्दशों, संस्थाओं ध्वज व राष्ट्र के प्रतीकों का आदर करेगे, देश की सम्प्रभुता अखण्डता की रक्षा करेगें। महिलाओं का सम्मान करेगें, हिंसा से दूर रहकर बंधुता बढा़एगें। सामाजिक, संस्कृतिक संवर्द्धन व पर्यावरण का संरक्षण करेगें। वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास करेगें। सार्वजनिक सम्पत्ति की रक्षा करेगें। व्यक्तिगत व सामूहिक गतिविधि में उत्कृष्टता बढ़ाऐगे। सबको शिक्षा के अवसर प्रदान करेेगें एंव स्वतंत्रता आन्दोलन के आदर्शों को बढ़ावा देगें। इसके अतिरिक्त सभी जिला स्तरीय अधिकारियों ने अपने-अपने कार्यालयों में भी अधीनस्थ कर्मचारियों को प्रस्तावना की शपथ दिलाई। इस अवसर समस्त कर्मचारी उपस्थित थे।

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Reena Tripathi

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