गोण्डा ! आगामी 21 जून अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस हमारे लिये एक महान पर्व के रूप में है। योग साधना का महत्व भारत इतिहास का एक अभिन्न अंग है। योग से शारीरिक चुस्ती तो आती ही है लेकिन मानसिक शान्ति, ब्लड प्रभाव को नियन्त्रित भी करता है। यह शरीर के हानिकारक टोक्सीन बाहर निकालती है। मन शान्त रहने के साथ साकारात्मक भाव पड़ते है तथा प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। योग एक जादू की तरह शरीर में काम करता है जो व्यक्ति के जीवन में स्फूर्ति के साथ-साथ शरीर मजबूत बनाता है। योग किसी धर्म से सम्बन्धित न होकर व्यक्ति के मन मस्तिष्क व सम्पूर्णता का विकास करता है। हमंे योग के लिये एक दूसरे का साथ देना चाहिये। योग में सभी आसन व प्रणायाम होता है और किसी के सान्धिय में ही किया जाना चाहियें योग सभी के लिये महत्वपूर्ण है।
इसी कार्य को देखते हुये सरस्वती देवी नारी ज्ञानस्थली पी0जी0 कालेज की राष्ट्रीय सेवा योजना के तहत ‘‘योग फराम होम’’ के अन्तर्गत स्वंय सेविकायें अपने अपने घरों में अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस की तैयारियों में लगी है।
महाविद्यालय की प्राचार्या डा0 आरती श्रीवास्तव ने बताया कि महाविद्यालय में योग की प्रतिदिन कक्षायें हुआ करती है। जिसमें छात्राओं को योग के प्रति काफी रूचि व ज्ञान है। वे स्वयं नहीं अपने परिवार व लोगों को भी इसमें शामिल करती है।
कार्यक्रमाधिकारी डा0 नीलम छाबड़ा ने बताया कि स्वयं सेविकायें योग के प्रति हमें जागरूक कर रहीं है। एन0एस0एस0 कैम्प व महाविद्यालय में कई बड़ी समस्याओं के माध्यम से योग प्रशिक्षण लिया है तथा अपने आस पास के लोगों को भी जागरूक करके योग के लाभ को बताया है।
इस कार्य में श्रेया पाण्डेय, शिवानी, आंचल, लताशा, जरीन फात्मा, श्रद्धा, स्नेहलता आदि छात्रायें इस कार्य को आगे बढ़ा रही है।
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