उत्तर प्रदेश गोंडा दृष्टिकोण

आखिर क्यो सांसद गोण्डा को अपमानित करने पर तुला है जिला प्रशासन

क्रान्ति उपवन के शिलान्यास से रखा गया दूर

कार्यक्रम के आयोजकों से भी अनभिज्ञ है जिला विकास अधिकारी

गोण्डा। किसी सांसद के कार्यक्षेत्र मेें ही उस सासद को किसी कार्यक्रम से दूर रखा जाये तो हैरानी होना लाजिमी है, उससे भी ज्यादा हैरानी तब होती है जब यह गलती या जानबूझ कर किया गया कार्य एक बार नही बल्कि दो दो किया गया हो।

जी हां हम बात कर रहे हैं गोण्डा सासंद कीर्तिवर्धन सिंह उर्फ राजा भैया की, यहां विगत 3 जनवरी को प्रशासन ने गोण्डा नरेश राजा देवी बख्श ंिसह की स्मृति में स्थापित किये जाने वाले क्रान्ति उपवन के शिलान्यास कार्यक्रम रखा जिसे गोण्डा सदर विधायक प्रतीकभूषण सिंह तथा उनके ही पिता सांसद कैसरगंज बृजभूषण सिंह द्वारा सम्पन्न कराया गया।

प्रषासन द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में जहां विधायक सदर, सासंद कैसरगंज सहित जिले के नवागत जिलाधिकारी मार्कन्र्डय शाही और सीडीओ शंशाक त्रिपाठी तथा अन्य कई नेता तथा अधिकारी उपस्थित रहे जबकि सांसद गोण्डा के संसदीय क्षेत्र में आयोजित इस कार्यक्रम में गोण्डा सांसद कीर्तिवर्धन सिंह की मौजूदगी नही दिखाई दी। बात केवल गैरमौजूदगी की होती तो उनके व्यस्तता को आधार बनाकर उसे स्वीकार भी किया जा सकता था परन्तु शिलान्यास में लगाये गये भारी भरकम शिलालेख में उनका नाम तक न होना कही न कही इस शंका को बल प्रदान करता है कि कही प्रशासन जानबूझकर उनको अपमानित तो नही करना चाहता।

यहां इस बात का भी उल्लेख किया जाना आवष्यक है कि ऐसा भी नही है कि संासद गोण्डा के साथ यह दुव्यवहार कोई पहली बार किया गया हो इससे पहले भी नगर के मध्य स्थित चैक को गुरूनानक के नाम से किये जाने और उसके लोकार्पण के समय भी लगाये गये होर्डिंग्स से भी सांसद गोण्डा को बाहर रखा गया था। मामला सोशल मीडिया मे उछलने पर आयोजको ंसहित प्रशासन ने आनन फानन में होर्डिग्स को बदलवाकर उसमें सांसद गोण्डा को भी सम्मिलित किया था हालांिकं सांसद उस कार्यक्रम मे शामिल नही हुए थे।

फिलहाल ये तो रही सांसद के साथ किये जा रहे भेदभाव की कहानी, लेकिन उससे भी हैरानी की बात तो तब सामने आयी जब जिला विकास अधिकारी शंशांक त्रिपाठी से इस बावत जानकारी चाही गयी कि क्या इस कार्यक्रम में गोण्डा सासंद कीर्तिवर्धन सिंह को आमंत्रित किया गया था या नही, इस पर उन्होनें चैकाने वाला बयान देते हुए कहा कि उन्हें नही पता कि संासद गोण्डा को आमंत्रित किया गया या नही इस बारे मंें जिसने आमंत्रित किया होगा वही बता सकता है, इस सवाल पर कि कां्रति उपवन का निर्माण मनरेगा के तहत किया जाना है जो कि आपके ही अधीन है जाहिर सी बात है आपको अवगत होना चाहिए, यदि ऐसा नही है तो आप यही बता दीजिए कि कार्यक्रम के आयोजक कौन थे, इस पर श्री त्रिपाठी ने अपनी अज्ञानता या फिर अपनी गलती को छुपाने का निरर्थक प्रयास करते हुए यह कहा कि उन्हें यह भी नही पता कि कार्यक्रम को आयोजित किसने किया था।

अब सवाल यह उठता है कि श्री त्रिपाठी को जब यह नही पता कि कार्यक्रम का आयोजन कौन है तो वे आयोजन मे ंशामिल कैसे हुए और कार्यक्रम स्थल पर लगाये गये भारी भरकम पत्थर पर उनका नाम कैसे उकेरा गया।

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राजेंद्र सिंह

राजेंद्र सिंह (सम्पादक)

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