पासपोर्ट 10 वर्ष हेतु होता है। पासपोर्ट पर डेट ऑफ़ एक्सपायरी होती है। उस तिथि के बाद पासपोर्ट का प्रयोग संभव नहीं है। पासपोर्ट को डेट ऑफ़ एक्सपायरी से पहले या बाद में री इशू या रिन्यू करवाना अनिवार्य नहीं है। धारक री इशू हेतु कभी भी आवेदन कर सकता है। री इशू आवेदन गैप के बाद देने पर कोई जुरमाना नहीं है।
ड्राइविंग लाइसेंस पर डेट ऑफ़ एक्सपायरी होती है। ड्राइविंग लाइसेंस एक्सपायर होने पर गैप के बाद आवेदन पर जुरमाना लगता है व जुरमाना हर माह बढ़ता जाता है। कई मामलों में जुरमाना 5000 रुपये हो जाता है। DL एक्सपायर के बाद उसका प्रयोग संभव नहीं होता।
पासपोर्ट रिनीवल में देरी पर किसी तरह की पेनल्टी का न लगना तथा ड्राइविंग लाइसेंस पर ऐसी ही स्थिति में भारी जुरमाना लगाना, सरकार की इस दोहरी नीति पर सवाल उठाते हुए जवाब मांगते हुए राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रह चुके जीवन कुमार मित्तल कहते है की करोड़ों लोग आर्थिक, निवास बदलाव आदि कारणों से या जरुरत न होने पर DL फ़ौरन रिन्यू नहीं करवा पाते। अगर कोई DL एक्सपायर के बाद 5 साल कोई वाहन नहीं चलाता तो भी उसे 5 साल का जुरमाना देना पड़ता है। यह अनुचित है, लूट है।
DL बैक डेट से या करंट डेट से हो इस पर धारक को कोई ऐतराज नहीं होता। DL आवेदन पर कोई जुरमाना नहीं होना चाहिए। DL रिन्यू आवेदन पर आगामी 5 या 10 या 15 वर्ष हेतु सामान्य फी ही ली जानी चाहिए। DL हरेक की बेसिक जरुरत है और इस पर लूट अनुचित है।
जीवन कुमार मित्तल
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