लखनऊ ! काशी में ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर चल रहे विवाद के बीच एक और बड़ी खबर आ रही है, ताजमहल की वास्तविकता को लेकर राजधानी के एक कोर्ट में याचिका दाखिल की गई ही, खास बात तो ये है कि कोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए सुनवाई की तिथि भी निर्धारित कर दी है !
मिल रही ताजा जानकारी के मुताबिक दाखिल याचिका में कहा गया है ताजमहल मकबरा न होकर राजा मानसिंह का किला है जिसमे भगवान शंकर का मंदिर है, मंदिर और किले को ही मुगलों द्वारा ताजमहल का रूप दे दिया गया था !
याचिका में यह भी कहा गया है की इस स्थान का वास्तविक नाम तेजोमहालय है न कि ताजमहल, याचिका कर्ता ने ताजमहल के बंद कमरों को खुलवाने और उनका सर्वेक्षण कराने की मांग की है, कहा गया है कि इन बंद कमरों के सर्वेक्षण से सारी सच्चाई खुलकर सामने आ जायेगी !
इस मामले में सबसे खास बात तो ये है कि कोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए सुनवाई की तिथि भी निर्धारित कर दी है, याचिका कर्ता ने इतिहासकारों के साथ साथ कुछ निजी सर्वेक्षणों का भी हवाला दिया है जिसमे विभिन्न तथ्यों के माध्यम से ताजमहल को भगवान शिव का मंदिर साबित करने का प्रयास किया गया है !
फिलहाल याचिका स्वीकार होने के बाद अब देखना ये है कि कोर्ट ताजमहल के वास्तविकता को जनता के सामने लाने के लिये कौन सी प्रक्रिया अपनाता है !
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