बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता पृथ्वीराज कपूर का आज जन्मदिन है. हमारी पीढ़ी के लिए वह मुगल-ए-आजम थे।वैसे उन्हें राज कपूर की आवारा में भी देखा था।आर के फिल्म्स की ‘कल,आज और कल ‘उनके कैरियर की अंतिम फिल्म साबित हुई।
कपूर खानदान की फिल्मी विरासत को शुरू करने वाले पृथ्वीराज कपूर जनसंस्कृति की ध्वजवाहक संस्था इप्टा के संस्थापक सदस्यों में थे और उन्होंने पृथ्वी थिएटर की स्थापना भी की थी।उन्होंने 2600 से अधिक नाटकों में अभिनय किया।लोग पृथ्वीराज कपूर के अभिनय के साथ-साथ उनकी बुलंद आवाज़ का भी लोहा मानते थे.
पृथ्वीराज कपूर पंडित जवाहर लाल नेहरू के बेहद करीबी थे.राज्यसभा में मनोनीत होकर संसद में कदम रखने वाले पहले बॉलीवुड अभिनेता पृथ्वीराज कपूर ही थे. वे कट्टर कांग्रेसी थे और कई बार राज्यसभा में पूरे जोर शोर से उन्होंने पंडित नेहरू की नीतियों के साथ-साथ कांग्रेस के काम का समर्थन भी किया था.पंडित नेहरू को पृथ्वीराज से काफी बल मिलता था.
हालांकि इन दोनों में घनिष्टता थी लेकिन एक मौका ऐसा भी आया जब पृथ्वीराज कपूर ने पंडित जवाहर लाल नेहरू से मिलने से इनकार कर दिया था।
हुआ कुछ यूं था कि पंडित नेहरू पृथ्वीराज कपूर से मिलना चाहते थे। लेकिन,पृथ्वीराज ने ये कहते हुए इनकार कर दिया कि वो (पृथ्वीराज) अपनी थिएटर टीम के साथ हैं. पंडितजी इस बात का इशारा समझ गए.उन्होंने पृथ्वी थिएटर की पूरी टीम को अपने निवास स्थान पर दावत के लिए बुला भेजा।पृथ्वीराज कपूर की पूरी टीम भी खुशी-खुशी दावत में शामिल हुई।
पंकज कुमार श्रीवास्तव राँची
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