बेटियों की उपेक्षा न करें माता-पिता: संतोष कुमार
वितरित किया केक व फल
गोण्डा। महिला कल्याण विभाग द्वारा जिला महिला चिकित्सालय में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के तहत कन्या जन्मोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ जिला प्रोबेशन अधिकारी संतोष कुमार सोनी, जिला महिला चिकित्सालय की अधीक्षिका डा. सुषमा सिंह व चिकित्सक डा. सुवर्णा कुमार ने केक काटकर किया। जिला प्रोबेशन अधिकारी श्री सोनी ने कहा कि कन्या को बचाने के लिए माता-पिता की सोच बदलना ही पहली जरुरत है। उन्हें अपनी बेटियों के पोषण, शिक्षा, जीवन शैली आदि की उपेक्षा रोकने की जरूरत है। सीएमएस डा. सिंह ने कहा कि अपने बच्चों को एक समान मानना चाहिये चाहे वो बेटी हो या बेटा। यह माता-पिता की लड़की के लिए सकारात्मक सोच ही है, जो पूरे समाज को बदल सकती है। चिकित्सक डा. सुवर्णा कुमार ने कहा कि हमें कन्याओं पर गर्व होना चाहिए, उन्हे अच्छी शिक्षा प्रदान करें, ताकि वे भी देश को अपना योगदान दे सकें। अधिकारियों के साथ कन्या को जन्म देने वाली महिलाओं ने भी केक काटा। प्रभारी महिला कल्याण अधिकारी ज्योत्सना सिंह ने बताया कि लोगों में बेटियों के प्रति सोच बदलने के लिए कन्या जन्मोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया। महिला चिकित्सालय परिसर में कन्याओं को जन्म देने वाली महिलाओं को केक व फल का भी वितरण किया तथा जागरूकता के लिए बीबीबीपी स्टीकर का भी वितरण किया गया। इस दौरान चिकित्सक डा. वेदप्रकाश, संरक्षण अधिकारी चन्द्रमोहन वर्मा, पंकज कुमार राव, सिद्धनाथ पाठक व चिकित्सालय की स्टाफ नर्स आदि उपस्थित रहीं।
पीसीपीएनडीटी के तहत किया गया जागरूक
बालिका दिवस को लेकर पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत जागरूकता अभियान चलाया गया। स्वास्थ्य विभाग की आशा कार्यकर्ता अनुपम तिवारी व रीता के साथ अन्य कार्यकर्ता ने अपने-अपने क्षेत्रों में महिलाओं व आमजन को पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (पीसीपीएनडीटी) अधिनियम, 1994 के बारे में जागरूक किया।
कर्मचारियों ने कन्या भ्रूण हत्या और गिरते लिंगानुपात को रोकने के लिए जागरूकता फैलायी। इसी क्रम में विभिन्न स्थानों पर बैठकों का भी आयोजन किया गया।