लगातार इस बीच जाति वर्गीकरण पर लोगों के विवादित बयान सामने आ रहे है गोंडा जनपद एवं उच्च न्यायालय लखनऊ के फायर ब्रांड एडवोकेट पंकज दीक्षित ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुये बताया कि कुछ विशेष लोगों का कहना है कि उनको पंडितों ने छोटी जाति बना दिया है इस पर उन्होंने कहा कि यदि पंडितों ने छोटी जाति बना दिया है तों अब स्वतंत्र भारत में अपने आपको पंडित क्यो नही बन जाते है,तमाम जाति वालो को देखा है कि अपनी जाति छुपाने के लिय कोई सिंह बन रहा है,कोई राजपूत बन रहा है,कोई कुछ बन रहा है तों मैं उनसे पूछना चाहता हूँ कि अगर किसी के बनाने से वह बन गये थे तों अब तों वह लोग स्वतंत्र है बड़ी जाति बनने के लिय।
लेकिन यह वही नीच मानसिकता के लोग है जो छोटी जाति बनकर आरक्षण का पूरा लाभ डकारना चाहते है और ब्राह्मण और पंडित को बदनाम करना चाहते है,आगे चलकर उन्होंने बताया कि समाजशास्त्र का विधिवत अध्ययन करने से यह ज्ञात होता है कि जाति पाति का वर्गीकरण किसी व्यक्ति विशेष के द्वारा नही बल्कि कार्यों के अर्थात कर्मों के आधार पर हुआ है जो शिक्षा दीक्षा में माहिर था उसको पंडित,जो रक्षा के लिय युद्ध करने करने में माहिर था उसे क्षत्रिय और जो व्यवसाय के माहिर था उसे वैश्य (लकड़ी का काम करने वाले को बढ़ई) और जो कुछ नही कर पा रहा था तों जब भारत में प्रशानिक प्रणाली विकसित हो रहीं थीं तों उनसे कहा गया कि आप अगर कुछ नही कर पा रहे है तों जो आपको कहा जाए वह करिय इसलिय उनको शूद्र कहा गया,किसी की जाति छोटी नही होती है लोगों की सोच छोटी होती है उनका स्तर छोटा होता है इसलिय संविधान में भी डाक्टर भीम राव अंबेडकर ने उनको वर्गीकृत किया और उनको कमजोर समझकर विशेष दर्जा देते हुये उनको आरक्षण का लाभ दिया,अब यह जो रोना रो रहे है कि पंडितों ने उनको छोटी जाति का बना दिया है तों उनको सलाह है कि वह अपने आपको पंडित ब्राह्मण जो भी बनना चाहे बन सकते है और ऐसे सभी लोगों का वह ब्राह्मण/पंडित समाज या कोई अन्य उच्च जाति धारण करने पर उनका वह स्वागत करेंगे।