डीआईजी एआईजी को और एआईजी स्टांप एडीएम को जिम्मेदार बताकर झाड़ रहे पल्ला
गोण्डा। एक सप्ताह पहले रजिस्ट्री आफिस गोण्डा में रजिस्ट्री फीस में खुलेआम रसीद में अंकित मूल्य से 300 रुपए ज्यादा मांगने का वीडियो वायरल हुआ और कारण पूछने पर कर्मचारी द्वारा साफ़-साफ कहा जाता है कि 300 रुपए ज्यादा सबसे लिया जाता है। ऐसा तब है जब एसआईटी 24 वर्ष पहले से अबतक के उपनिबंधक कार्यालय में तैनात अधिकारियों कर्मचारियों का ब्यौरा भूमि बैनामा में हुए फर्जीवाडा की जांच हेतु इकट्ठा कर रही है।
उपनिबंधक की तैनाती न होने से रजिस्ट्री आफिस में हो रही अवैध वसूली के वायरल वीडियो पर आफिस का कोई जिम्मेदार कुछ बोलने तक को तैयार नहीं है। गत दिनों इस भ्रष्टाचार की खबरें मीडिया की सुर्खियां भी बनी लेकिन जिम्मेदारों ने कार्यवाही तो दूर प्रकरण की जांच में भी कोई रूचि नहीं दिखाई जिससे ये शंका पुख्ता हो रही है की विभाग के कर्मचारी से लेकर बड़े अधिकारी तक इस भ्रस्टाचार के अंशधारी हैं।
हैरानी की बात तो ये है की जब प्रभारी उपनिबंधक गिरीशा तिवारी से मिलकर उनका पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने आफ रिकार्ड कहा कि जो छापना है छापो। कुछ फर्क नहीं पड़ता है। संपर्क नंबर मांगने पर देने से इन्कार कर दिया। इसके बाद उप महानिरीक्षक निबंधन आनन्द प्रकाश मिश्रा से मुलाकात करने पर उन्होंने कार्यवाही का आश्वासन दिया परन्तु मंगलवार को दूरभाष पर बात करने पर उन्होंने कहा कि हमने समाचार से अपर महानिरीक्षक निबंधन को अवगत करा दिया है वे दो दिन में कार्यवाही करेंगे।
इस पर जब अपर महानिरीक्षक निबंधन दिनेश चंद्र यादव से उनके मोबाइल नंबर 9235930582 पर बात किया तो उन्होंने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि एडीएम साहब कार्यवाही करेंगे। वहीं प्रकरण पर जब अपर जिलाधिकारी सुरेश सोनी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अभी तक मेरे पास लिखित में नहीं आया है। समाचार की बात पर अनमने ढंग से की बोले कि ठीक है मैं डीआईजी स्टाम्प को दे दूंगा। वह जांच करेंगे।
ऐसा तब है जब एडीएम डीआईजी और एआईजी सभी के संज्ञान में पूर्व से ही पूरा मामला है और ये सभी अधिकारी अपनी टोपी दूसरे के सिर टरकाने में लगे है और इसी का प्रमाण है की प्रभारी उपनिबंधक गिरीशा तिवारी बड़े ही द्रढविश्वास के साथ कह पा रही है कि जो छापना है छापों कुछ फर्क नहीं पड़ता।