नई दिल्ली। सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा मोदी सरकार नेता और अभिनेताओं की सुरक्षा के नाम पर लुटा रही है|
भारतीय युवा कांग्रेस की राष्ट्रीय वाइस चेयरमैन आनंद मिश्रा ने 7 जून 2022 को सरकार पर आरटीआई डाली गई | जिसमें तीन अहम सवाल सरकार से पूछे गए जिनमें किसी भी व्यक्ति को सुरक्षा देने की क्या मापदंड है | इसके जवाब में मोदी सरकार ने कहा कि केंद्रीय सुरक्षा एजेंसी द्वारा किए गए खतरे की धारणा के आधार पर सुरक्षा प्रदान की जाती है| केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों द्वारा किए गए खतरों के आकलन के आधार पर केंद्र सरकार और संबंधित राज्य सरकारें व्यक्तियों को सुरक्षा प्रदान कर सकती है| वर्तमान में सरकार z+, 40, Z-66, Y+, Y-68, X-151 सुरक्षा प्रदान की जा रही है |
दूसरा सवाल सरकार से पूछा गया कि केंद्र सरकार द्वारा वर्तमान में किन किन व्यक्तियों को कौन सी श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की जा रही है जिस के उत्तर में सरकार ने विभिन्न धाराओं का सहारा लेते हुए सूची सूची उपलब्ध नहीं करवाने के तहत छूट प्राप्त की है| जिसके संदर्भ में सूची को सार्वजनिक करवाने के लिए युवा कांग्रेस आरटीआई विभाग दिल्ली हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर करेगा | क्योंकि देश के प्रत्येक व्यक्ति को यह जानने का अधिकार है कि किसी व्यक्ति को और किस आधार पर केंद्र की सरकार सुरक्षा प्रदान कर रही है|
तीसरा सवाल यह पूछा गया कि किसी व्यक्ति को सुरक्षा प्रदान करने पर कितना व्यय केंद्र सरकार द्वारा किया जा रहा है | इसके उत्तर में सरकार ने कहा कि किसी व्यक्ति को सुरक्षा प्रदान करने पर व्यय के संबंध में सरकार के पास संकलित डाटा उपलब्ध नहीं है| सुरक्षा के नाम पर हो रहे खर्च का अंदाजा लगाना बहुत मुश्किल है| इसमें सुरक्षाकर्मियों संचार परिवहन वाहनों आदि के वेतन और भत्ते शामिल हैं| जिन्हें विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के संबंधित बजट शीर्षों के तहत अलग-अलग अलग-अलग शीर्षो के तहत रखा जाता है | सरकार के पास सुरक्षा के नाम पर किए जा रहे खर्चों की जानकारी उपलब्ध नहीं है| देश में नेताओं अभिनेताओं पर हो रहे सुरक्षा के नाम पर खर्चों का अंदाजा लगाना मुश्किल है |
भारतीय युवा कांग्रेस आरटीआई विभाग के राष्ट्रीय चेयरमैन डॉ अनिल कुमार मीणा ने आरोप लगाया कि सरकार पूरी तरह से सूचना अधिकार अधिनियम कानून का उल्लंघन कर रही है| भाजपा सरकार अपने चहेतों पर सुरक्षा के नाम पर देश की गाढ़ी कमाई का करोड़ों अरबों रुपए लुटा रही है| आरटीआई कानून को लाने के पीछे मकसद जनता के द्वारा दिए गए टैक्स में पारदर्शिता लाना था| सरकार ने सूचना देने से मना कर दिया जिससे साफ पता चलता है सरकार नेताओं एवं अभिनेताओं को गैर संवैधानिक तरीके से दी जा रही सुरक्षा पर होने वाले खर्च की जानकारी देने से बच रही है|
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