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भाजपा जिलाध्यक्ष ने खोया आपा, प्रमुख अधीक्षक पर उठाया हाथ, मेडिकल कालेज प्रशासन तक पहुंची शिकायत

अभिशप्त हो रहा जिले का भाजपाध्यक्ष पद, पूर्व जिलाध्यक्ष ने भी किया था पद की गरिमा को तार तार 

कैबिनेट मंत्री, विधायक मौजूदगी के दौरान हुआ हंगामा

गोंडा। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी के जन्मदिवस पर हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी भारतीय जनता पार्टी के जिला स्तरीय अधिकारियों एवम कार्यकर्ताओं के द्वारा रक्तदान शिविर का आयोजन जिला चिकित्सालय ब्लड बैंक में किया गया। जहां कथित रूप से अस्पताल प्रशासन के अव्यवस्था से खिन्न उत्तेजित भाजपा कार्यकर्ताओं ने अस्पताल प्रशासन के प्रमुख अधीक्षक डॉक्टर वी के गुप्ता के साथ हाथापाई की और अपशब्दों का इस्तेमाल करते हुए उन्हें मारने का प्रयास किया। मौके पर ब्लड बैंक के इंचार्ज डॉक्टर चेतन पराशर ने किसी तरह उन्हें अपने पीछे करते हुए बाहर निकाला तब कही जाकर मामला शांत हुआ। यहाँ ये भी बताना आवश्यक है की जिले के भाजपाध्यक्ष द्वारा की गई इस घटना ने इस बात को प्रमाणित कर दिया है की या तो इस पद में कोई गड़बड़ी है या फिर इस पद को धारण करने वाले की मनोदशा गड़बड़ हो जाती है क्योंकि पूर्व जिलाध्यक्ष सूर्य नारायब तिवारी ने भी इसी तरह अपने पद के नशे में चूर होकर एक पुलिसकर्मी को ही मारने के लिए दौड़ा लिया था इतना ही नहीं वे अपने दल बल के साथ थाने में भी घुस गए थे और हंगामा खड़ा कर दिया था।

फिलहाल बात की जाये वर्तमान घटना की तो ये सुबह करीब 10:26 बजे की है। जब यह हंगामा चल रहा था उस वक्त वहां पूर्व कैबिनेट मंत्री रमापति शास्त्री, मेहनोंन विधायक विनय दिवेदी,भाजपा जिला अध्यक्ष अमर किशोर कश्यप,भाजपा युवा मोर्चा अध्यक्ष अमित गुप्ता भी वही मौजूद थे। घटना की सूचना मिलते ही मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर रश्मि वर्मा सीधे ब्लड बैंक पहुंची जहां उन्होंने भाजपा पदाधिकारियों से मिल कर मामला शांत कराया।

सुबह करीब 10:00 बजे जब रक्तदान शिविर प्रारंभ हुआ तो सब कुछ ठीक था। पूर्व मंत्री रमापति शास्त्री को ब्लड बैंक इंचार्ज डॉक्टर चेतन ने बुकें भेंट किया। कार्यक्रम के शुरुआत से पहले रिबन काटा गया,सब कुछ ठीक था लोग रक्तदान के लिए अंदर गए लेकिन इसी बीच भाजपा पदाधिकारियों के साथ आए कुछ कार्यकर्ताओं ने कहना शुरू कर दिया कि चिकित्सालय के अधिकारी, डॉक्टर,bकर्मचारी, ऑपरेशन, जांच और दवा के नाम पर हजारों रुपए वसूलते है तो क्या वह टेंट हाउस से बैठने के लिए कुर्सियां और टेंट नही मांगा सकते थे, इसी बात को लेकर कुछ कार्यकर्ता डॉक्टर चेतन से शिकायत करते हुए उत्तेजित हो उठे। इसकी सूचना जब प्रमुख अधीक्षक को हुई तो वह भी पहुंचे। भाजपा जिला अध्यक्ष अमर किशोर जब प्रमुख अधीक्षक से बात करने लगे तभी एक कार्यकर्ता ने उन्हें पीछे से घसीटना शुरू कर दिया और अपशब्द कहते हुए अभद्रता करने लगा।

जब यह घटना घटी अस्पताल के कर्मचारी वा डॉक्टर इस अप्रत्याशित घटना से स्तब्ध रह गए किसी को कुछ सूझ नही रहा था कि क्या करें। भाजपा के पदाधिकारी भी इधर उधर बगले झांक रहे थे कि इस पुण्य कार्यक्रम में यह क्या हो गया। कुछ देर तक अफरा तफरी फैली रही। जब मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर रश्मि वर्मा वहां पहुंची तब कही जाकर कार्यक्रम शुरू हुआ।भाजपा द्वारा आयोजित इस रक्तदान शिविर में खबर लिखे जाने तक 65 यूनिट रक्तदान किया जा चुका था जिसमे महिलाओं और युवाओं की सामूहिक भागीदारी शामिल है।

घटना को लेकर चिकित्सालय के डॉक्टरों अधिकारियों एवम कर्मचारियों में रोष व्याप्त है। घटना के संबंध में जब प्रमुख अधीक्षक डॉक्टर वी के गुप्ता से जानकारी की गई तो उन्होंने बताया कि भाजपा के लोगों का आरोप था कि अस्पताल में वसूली की जा रही है। भाजपा का कार्यक्रम था क्या इसके लिए प्रशासन अपनी तरफ से कुर्सियों भोजन और टेंट की व्यवस्था नहीं कर सकता था। उन्होंने कहा कि हमारे पास सीमित संसाधन हैं। हमारे चिकित्सालय प्रबंधन स्तर पर सारी व्यवस्था डॉक्टर ,एल टी, बैठने के लिए बेंच उपलब्ध था लेकिन ने मांग जो की पार्टी द्वारा की गई उसका कोई बजट नही है। इसी बात से नाराज होकर जिला अध्यक्ष ने पहले हाथ उठाया और फिर कार्यकर्ताओं ने हाथ पाई की है जिसका वीडियो एविडेंस है।

घटना के बारे में उच्चाधिकारियों को लिखित सूचना दिया जा रहा है। वहीं मेडिकल कालेज के नोडल अधिकारी डॉक्टर कुलदीप पांडे का कहना है कि इस तरह की घटनाएं असहनीय है। 65 वर्षीय बुजुर्ग चिकित्सालय अधिकारी के साथ की गई अभद्रता कतई बर्दाश्त नही है। इसके लिए मेडिकल कालेज प्रशासन को सूचना भेजी गई है। उन्होंने और बताया कि अभी दो दिन पूर्व भी पोस्टमार्टम के पश्चात कुछ लोगों ने उनकी गाड़ी का पीछा किया और उनपर हमला करने का प्रयास किया। इन घटनाओं से लगता है कि जिले की राजनीतिक आबोहवा ठीक नही है। ऐसे में डॉक्टर अपनी जान को खतरे में डाल कर नौकरी नहीं कर सकता है। ऐसी दशा में डॉक्टरों के पास पलायन के सिवा और कोई रास्ता नही है।

इस पूरे मामले पर सबसे हैरान करने और चौकाने वाली बात तो तब सामने आई ज़ब भाजपा जिलाध्यक्ष अमरकिशोर कश्यप से घटना के सम्बन्ध में जानकारी और उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया तो उन्होंने पूरी घटना से ही अनभिज्ञता जाहिर करने हुए मामले को ही नकार दिया जबकि जिला चिकित्सालय द्वारा जारी सी सी टी वी फुटेज में साफ दिख रहा है की श्री कश्यप अपने साथियों के साथ अस्पताल प्रशासन से बात कर रहे है और न जाने किस बात से चिढ़कर वे अपना आपा खोटे हुए सामने खड़े चिकित्सक पर हाथ तान देते हैं लेकिन एन मौक़े पर उन्हें कुछ लोगों द्वारा रोक लिया जाता है।

फिलहाल चिकित्सा कर्मियों ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए सक्षम अधिकारियो तक अपनी बात पहुंचा दी है अब देखना ये है की इस पर कार्यवाही क्या होती है।

About the author

अशफ़ाक़ शाह

(संवाददाता)

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