झारखण्ड लाइफस्टाइल

60 वर्ष के किसानो को मिलेगी 3000 रुपये प्रतिमाह की पेंशन, किसान मानधन योजना का प्रधानमंत्री ने किया शुभारम्भ

Written by Vaarta Desk

अन्नदाताओं का जीवन सुरक्षित किया

व्यापारियों और स्वरोजगार में लगे व्यक्तियों के लिए राष्ट्रीय पेंशन योजना शुरू की गई

जनजातीय छात्रों के लिए पूरे देश में 462 एकलव्य मॉडल स्कूलों का शुभारंभ किया गया

झारखंड को रांची में अपना नया विधानसभा भवन मिला

रांची (झारखंड) ! किसानों का जीवन सुरक्षित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज झारखंड की राजधानी रांची में प्रधानमंत्री किसान मान-धन योजना का शुभारंभ किया। इस योजना से 5 करोड़ लघु और सीमांत किसानों का जीवन सुरक्षित होगा। ऐसे किसानों को 60 वर्ष की आयु होने पर न्यूनतम 3000 रुपये प्रति माह पेंशन उपलब्ध करायी जाएगी।

प्रधानमंत्री ने व्यापारियों और स्वरोजगार में लगे व्यक्तियों के लिए राष्ट्रीय पेंशन योजना भी शुरू की। इस योजना का उद्देश्य छोटे व्यापारियों और स्वरोजगार में लगे व्यक्तियों को 60 वर्ष की आयु होने पर न्यूनतम 3000 रुपये प्रति माह पेंशन उपलब्ध करायी जाएगी। इस योजना से लगभग 3 करोड़ छोटे व्यापारी लाभान्वित होंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह आपकी आकांक्षाओं को पूरा करने वाला एक मजबूत सरकार का चुनावी वादा था। “मैंने कहा था कि नई सरकार के गठन के बाद देश के हर किसान परिवार को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ मिलेगा। आज देश के लगभग साढ़े छह करोड़ किसान परिवारों के खातों में 21 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि जमा हो चुकी है। झारखंड के ऐसे 8 लाख किसान परिवार हैं, जिनके खाते में लगभग 250 करोड़ रुपये जमा हुए हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि विकास हमारी प्राथमिकता के साथ-साथ प्रतिबद्धता भी है। हमारी सरकार प्रत्येक भारतीय को सामाजिक सुरक्षा का कवच उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है। सरकार उन जरूरतमंदों का साथ निभा रही है जिन्हें सबसे ज्यादा जरूरत है। इस साल मार्च से देश के असंगठित क्षेत्र के करोड़ों श्रमिकों के लिए भी इसी प्रकार की पेंशन योजना चल रही है।

32 लाख से अधिक मजदूर श्रमयोगी मान-धन योजना में शामिल हुए हैं। 22 करोड़ से अधिक लोग प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना में शामिल हुए हैं, इनमें 30 लाख से अधिक लाभार्थी केवल झारखंड से ही हैं। आयुष्मान योजना के तहत भी लगभग 44 लाख गरीब मरीज लाभान्वित हुए हैं, इनमें से लगभग 3 लाख मरीज झारखंड से ही हैं।

सभी को सशक्त बनाने के लिए प्रधानमंत्री ने देश के जनजातीय बाहुल्य क्षेत्रों में 462 एकलव्य मॉडल स्कूलों का शुभारंभ किया। इन स्कूलों में जनजातीय छात्रों को अच्छी गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान की जाएगी। इन स्कूलों में स्थानीय कलाओं और संस्कृति के साथ-साथ खेल और कौशल विकास की सुविधाएं भी उपलब्ध करायी जाएंगी। इन स्कूलों में प्रत्येक जनजातीय छात्र पर सरकार हर साल एक लाख रुपये से अधिक की राशि खर्च करेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें साहिबगंज में मल्टीमॉडल परिवहन टर्मिनल का उद्घाटन करने का सौभाग्य मिला है। यह केवल एक परियोजना ही नहीं है, बल्कि यह इस पूरे क्षेत्र में परिवहन का एक नया विकल्प भी दे रही है। यह जलमार्ग झारखंड को न केवल पूरे देश के साथ, बल्कि विदेशों से भी जोड़ेगा। इस टर्मिनल से, आदिवासी भाइयों, बहनों और किसानों को आसानी से देश के अन्य बाजारों में अपनी उपज के लिए पहुंच बनाने में मदद मिलेगी।

प्रधानमंत्री ने झारखंड की नई विधानसभा भवन का भी आज उद्घाटन किया। सचिवालय के नए भवन की आधारशिला रखने के अवसर पर उन्होंने कहा कि आज राज्य के गठन के लगभग दो दशक बाद झारखंड में लोकतंत्र के मंदिर का उद्घाटन किया जा रहा है। यह भवन एक पवित्र स्थान है जहाँ झारखंड के लोगों के सुनहरे भविष्य की नींव रखी जाएगी। इससे मौजूदा और आने वाली पीढ़ियों के सपनों को साकार किया जाएगा।

प्रधानमंत्री ने एकल-उपयोग प्लास्टिक के उपयोग को कम करने के लिए भी देश का आह्वान किया। 11 सितंबर 2019 को शुरू किये गए ‘स्वच्छता ही सेवा’ कार्यक्रम का उल्लेख करते हुए प्रधान मंत्री ने कहा कि कल से, देश में ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान शुरू हो गया है। इस अभियान के तहत 2 अक्टूबर तक हमें अपने घरों, स्कूलों, कार्यालयों से एकल-उपयोग प्लास्टिक एकत्र करना है। महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती के दिन यानी 2 अक्टूबर को हमें प्लास्टिक के इस ढेर को हटाना भी है।

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