उत्तर प्रदेश लाइफस्टाइल

इस बार का प्रयागराज कुम्भ होगा तम्बाकू मुक्त, पुलिसकर्मियों ने लिया प्रशिक्षण

Written by Vaarta Desk
प्रयागराज। प्रयागराज जिले के पुलिस अधिकारियों ने तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादेां के दुष्प्रभावों को शनिवार को संबध हैल्थ फाउंडेशन (एसएचएफ), आलामेलू चैरीटेबल फाउंडेशन (एसीएफ) द्वारा टाटा ट्रस्ट के सहयोग से रिजर्व पुलिस लाईन कुभ मेला परिसर में सिगरेट एंव अन्य तबंाकू उत्पाद अधिनियम (कोटपा 2003) पर तकनीकी जानकारी के लिए आयेाजित जिला स्तरीय प्रशिक्षण के दौरान जाना। जिला पुलिस की पहल पर इस बार प्रयागराज में होने वाला कुंभ मेला भी तंबाकू मुक्त हेागा।
पुलिस महानिरीक्षक के.पी.सिंह के निर्देश पर हुए इस प्रशिक्षण के बाद अब प्रयागराज के सभी जिलेां के सभी पुलिस थाना क्षेत्रों में कोटपा एक्ट में चालान करने की कार्यवाही की जायेगी, ताकि तंबाकू के बढ़ते दुष्प्रभाव को कम किया जा सके। प्रशिक्षण के दौरान स्थानीय पुलिसथानेां की टीम व पुलिस अधिकारियों को केाटपा में चालान की कार्यवाही को समझाया।
वायस आॅफ टोबेको विक्टिमस (वीओटीवी) के पैट्रन व कैंसर रोग विशेषज्ञ कमला नेहरु अस्पताल की डा. राधा रानी घेाष ने प्रशिक्षण के दौरान उपस्थित सभी पुलिस अधिकारियेां को तंबाकू के दुष्प्रभावों से अवगत कराते हुए बताया गया कि तंबाकू से होने वाले कैंसर से तभी बचा जा सकता है जब हम इन पदार्थों से अपने को दूर रख सकें। इससे मानसिक और शारिरीक तनाव बढ़ता है, जो कि धीरे धीरे शरीर को नुकसान पहुचंाता है। इसलिए पुलिस की युवाअेां को तंबाकू जैसे खतरनाक जहर से बचाने में अह्म भूमिका हो सकती है।
उन्होने कहा कि वर्तमान में कैंसर के जो रोगी बढ़ रहे है, दुःख की बात यह है कि अभी जो मरीज आ रहे है उनमें अधिकतर युवा है। हालांकि पहले इस उम्र के लोगों में कैंसर कम होता था लेकिन अब इस उम्र में यह बढ़ रहा है। यंहा जितने लोगेां में कैंसर की पहचान हो जाती है उनमें से अधिकांश एक साल के अंदर ही दम तोड़ देते है। इसलिए पुलिस यदि समय रहते इन युवाअेां को इस प्रकार के नशों से रोकेगी तो इसका संदेश समाज में जाएगा।
उन्होेने कहा कि तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादों में निकोटिन होता है जो कि बेहद खतरनाक होता है। इसकी लत बुरी हेाती है, इनमें केवल 5 प्रतिशत से कम लोग ही निकोटिन केा छोड़ पाते है। इसलिए हम सभी को मिलकर इसके लिए सकारात्मक ढंग से काम करना होगा। चिकित्सकेंा के साथ साथ पुलिस अधिकारियों का भी दायित्व बनता है कि वे इसे रोकने के लिए सिगरेट एंव अन्य तबंाकू उत्पाद अधिनियम (कोटपा 2003) का पूरी तरह से अनुपालना करावे। जिससे कि बच्चों व युवाअेां को इससे बचाया जा सके।
कैंसर पीड़ितों ने सुनाई दास्तां
इस अवसर पर कैंसर से पीड़ित दो लोगों ने अपनी दास्तां शेयर की। जिसमें उन्होने बताया कि कैसे वे इन तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादों के सेवन से कैंसर के मरीज बन गए। उन्होने कहा कि इससे पूरा परिवार सकंट के समय से गुजर रहा है। इन उत्पादों की पहुंच को रोकें, ताकि आने वाली पीढ़ी को इससे बचाया जा सके।
कुंभ मेला होगा तंबाकू मुक्त
पुलिस अधीक्षक (क्राइम) आशुतोष मिश्रा ने कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान करने से कई तरह के नुकसान होते है, साथ ही पर्यावरण प्रदूषित होता है,जोकि सभी के लिए खतरनाक साबित होता है। इसके लिए यंहा आयेाजित होने वाले कुंभ मेला को तंबाकू मुक्त बनाने के लिए विशेष अभियान चलाया जायेगा। इससे मेला में आने वाले श्रृद्वालुओं को अच्छा वातावरण मिलेगा और यंहा का सदंेश पूरे देशभर में फैलेगा।
उन्होने कहा कि जिलेभर में अलग से कोटपा के लिए अभियान चलेगा। इसमें आम जनता को तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादों से होने वाले नुकसान से रुबरु कराया जायेेगा। इसके बाद सभी स्थानोें पर कोटपा का अभियान चलाया जायेगा।

संबध हैल्थ फाउंडेशन (एसएचएफ) के प्रमोद कुमार व टाटा ट्रस्ट के अंबुज कुमार पांडे ने बताया कि कोटपा की धारा 4, 5, 6अ, 6ब, 7 व जेजे एक्ट(किशोर न्याय अधिनियम)में किस प्रकार से कार्यवाही की जाती है। प्रशिक्षण के दौरान अधिकारियेां को बताया गया कि यदि कोटपा में चालान की कार्यवाही को नियमित रुप से किया जाये तो भी ऐसे जहरीले उत्पादेां के सेवन व बिक्री करने वालेां की संख्या में कमी आएगी। शिक्षण संस्थाअेां के आस पास एक सौ गज के दायरे में तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध है।

उन्होने बताया कि जिले के पुलिस अधिकारियेंा को इसके लिए केाटपा एक्ट में किस प्रकार से कार्यवाही हो इसके लिए जानकारी दी गई है। इस प्रशिक्षण के बाद बाद सभी का सामूहिक प्रयास है कि आम जनता में तथा सार्वजनिक स्थानों पर तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादों का उपभोग कम हो।
35.5 प्रतिशत लोग करतें है धूम्रपान
उन्होने बताया कि ग्लोबल एडल्ट्स टोबैको सर्वे (गेट्स) -2 के मुताबिक उतरप्रदेश में 35.5 फीसदी लोग बीड़ी व सिगरेट सहित अन्य धूम्रपान उत्पादों का सेवन करते हैं। धूम्रपान की वजह से नोन-स्मोकर पर भी प्रतिकूल असर पड़ता है।
उन्होंने कहा कि इस यूपी में तंबाकू जनित रोगों से हर साल करीब 1 लाख 96 हजार लोगों की मौत हो जाती है। गंभीर चिंतन का विषय ये है कि इनमें से 10 फीसदी लोग वे हैं जो धूम्रपान नहीं करते हैं, लेकिन बीड़ी-सिगरेट पीने वाले के संपर्क में रहने के कारण रोगग्रस्त होकर मौत का शिकार हो जाते हैं।

ग्लोबल एडल्ट्स टोबैको सर्वे (गेट्स) -2 के मुताबिक यूपी में करीब 5 करोड़ 17 लाख लोग किसी न किसी रूप में तम्बाकू का उपयोग करते हैं। इनमें से 1 करोड़ 96 लाख लोग धु्रमपान (बीड़ी व सिगरेट) का उपयेाग करते हैं। जिसमें 52.1 प्रतिशत पुरुष, 17.7 प्रतिशत महिला यूजर शामिल है। वहीं, लगभग 832 बच्चे रोजाना तम्बाकू पदार्थों का सेवन शुरु करते हैं।

उन्होने कहा कि सभी आधुनिक और प्रगतिशील राज्यों ने अपने नागरिकों के लिए एक स्वस्थ वातावरण प्रदान करने के लिए कोटपा कानून को कड़ाई से लागू किया है। कर्नाटक और केरल जैसे राज्यों की पुलिस ने तंबाकू की खपत को कम करने में सराहनीय भूमिका निभाई है।

वंही पुलिस अधिकारियेां को बताया गया कि सार्वजनिक स्थानेां पर कोटपा एक्ट में की जाने वाली कार्यवाही का प्रभावी असर सामने आता है। इसलिए पुलिस के द्वारा चलाए जाने वाले अभियान में इस कानून का उल्लंघन करने वालों पर कार्यवाही हो।
उन्होने बताया कि शिक्षण संस्थाअेां के आस पास एक सौ गज के दायरे में तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध है। इसलिए शिक्षण संस्थाअेंा के आस पास भी इसी अभियान के दौरान कार्यवाही की जायेगी।

संबध हैल्थ फाउंडेशन (एसएचएफ) के ट्रस्ट्री संजय सेठ ने कहा कि यूपी पुलिस का यह कदम सराहनीय है। इस प्रशिक्षण से पुलिस अधिकारिेयों ने कोटपा के बारे में तकनीकी जानकारी ली है, जो कि इनके लिए मददगार साबित हेागी। केाटपा का प्रभावी क्रियान्वयन हो तभी तंबाकू के कारण समय से पहले होने वाली मौतों पर अंकुश लग सकेगा। इस प्रकार के प्रशिक्षण से कार्यक्षमता में वृद्वि होती है। तंबाकू मुक्त यूपी की मुहिम में पुलिस की यह भूमिका सार्थक सिद्व होगी।
ये है सार्वजनिक स्थल
सार्वजनिक स्थान जैसे शासकीय कार्यालय, मनोरंजन केंद्र, पुस्तकालय, अस्पताल, स्टेडियम, होटल, शॉपिंग मॉल, कॉफी हाउस, निजी कार्यालय, न्यायालय परिसर, रेलवे स्टेशन, बस स्टॉप, सभागृह, लोक परिवहन, शिक्षण संस्थान, टी-स्टॉल, ढाबा और अन्य सार्वजनिक स्थान पर धूम्रपान प्रतिबंधित है। इन स्थानों पर धूम्रपान करने वालों पर 200 रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है।
ये रहे उपस्थित
पुलिस अधीक्षक कुंभ मेला प्रयागराज पूजा यादव, संबध हैल्थ फउंडेशन के प्रमेाद कुमार, टाटा ट्रस्ट के अंबुज कुमार पांडे सहित अन्य पुलिस अधिकारी, जिले के पुलिसथानाधिकारी व कर्मचारी भी उपस्थित रहे।

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