देश की 99 प्रतिशत जनता को English भाषा नहीं आती। भारत में इंग्लिश को हर कोई अंग्रेजी मान लेता है। हर कोर्ट में आम तौर पर सारा काम English में हो रहा है। हर कोर्ट के अधिकांश फॉर्म आदि English में ही हैं। विदेशी भाषा पर निर्भरता के कारण हर फरियादी को किसी वकील की सेवा लेना अनिवार्य सा हो जाता है। अपनी भाषा में विभिन्न सूचना देने पर हर कोई अपने को आत्म निर्भर सा अनुभव करता है। हर कोर्ट में English या हिंदी या स्थानीय भाषा में आवेदन आदि देने की सुविधा होनी चाहिए ताकि हर कोई अपने मन की बात अपनी भाषा में लिख, कह सके। उच्चतम न्यायालय में हिंदी आवेदन की छूट होनी चाहिए। मुद्रा नोटों पर English के साथ हिंदी होती ही है।