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लापरवाही पर पडी डांट तो बनाया बीमार होने का बहाना, सीएमएस पर दबाव बनाने का किया जा रहा प्रयास

महिला अस्पताल कर्मियों की गैर जिम्मेदाराना व्यवहार से प्रभावित हो रही मरीजों की चिकित्सा

गोण्डा। विभागीय सेटिंग गेटिंग के चलते अभी तक डयूटी से गायब रहना, आना भी तो समय से न आना जेसी अनेकों अनियमितताए जिला महिला चिकित्सालय के कर्मियों सहित चिकित्सक करते आ रहे थे, नये सीएमएस ने कार्यभार ग्रहण करने के साथ ही पूरी तरह पटरी से उतरी व्यवस्था को चाक चौबंन्द करने के लिए चिकित्सकों सहित कर्मियों के पेंच कसने आरम्भ किये तो लापरवाह चिकित्सकों ने बेहोश होने जैसे अनेकों नाटकों से सीएमएस पर ही दबाव बनाने का प्रयास आरम्भ कर दिया, लेकिन अपनी कार्यशैली और कर्तव्य के लिए प्रतिबंध सीएमएस ने ऐसे सभी कर्मियों को अल्टीमेटम दे अपनी प्रतिबद्वता जाहिर कर दी है।

 

जिला महिला चिकित्सालय में तैनात सीएमएस अनन्त प्रकाश मिश्र ने मरीजों की सुविधा और शासन द्वारा प्रदत्त सुविधाओं को मरीजों तक पहुचांने की प्रतिबद्वता जाहिर करते हुए पिछले काफी समय से समय पर न आने वाले या बिना औपचारिकता निभाये डयूटी से गायब रहने वाले चिकित्सकों को पहले तो समय पर आने और पूरे समय मरीजों की चिकित्सा करने का निर्देश पहले ही जारी कर दिया था साथ ही चेतावनी भी दी थी कि यदि कोई चिकित्सक समय से नहीं आता है तो उस पर प्रभावी कार्यवाही की जायेगी। लेकिन सीएमएस की चेतावनी को नजर अंदाज कर महिला चिकित्सक पूजा गुप्ता सहित अन्य कई कर्मचारी अपनी लापरवाही से बाज नहीं आ रहे थे।

 

पिछले बुद्ववार को ओपीडी में महिला मरीजों की भारी भीड देख जब सीएमएस अनन्त प्रकाश ओपीडी में पहुंचे तो देखा कि वहां पर कोई भी महिला चिकित्सक उपस्थित नहीं था, जानकारी करने पर पता चला कि एक डाक्टर की अन्यंत्र डयूटी लगी हुई है और दूसरी चिकित्सक अभी आई नहींं है। सीएमएस ने घडी देखा तो लगभग दस बज रहे थे। ओपीडी के दो घंटे बाद भी अपनी डयुटी पर न पहुचंने वाली डाक्टर के बारे में जानकारी करने पर उन्हें पता चला कि ये डाक्टर पूजा गुप्ता हैं, सीएमएस ने इस पर डाक्टर पूजा गुप्ता को फोन लगाया और समय से न आने का कारण पूछने का प्रयास किया तो डाक्टर ने काफी उखडे अंदाज में बात की जिस पर सीएमएस ने उन्हें डांटते हुए समय पर आने और गम्भीरता से ओपीडी करने की बात कही। सीएमएस की डांट से आंक्रोशित डाक्टर पूजा गुप्ता ने थोडी देर बाद अस्ताल पहुंच बेहोश होने का ड्ामा रच दिया।

 

जब ये जानकारी सीएमएस को मिली तो उन्होनें आनन फानन में जिला चिकित्सालय के डाक्टर समीर गुप्त को बुलाकर डाक्टर पूजा गुप्ता को चिक्तिसार्थ जिला अस्पताल में भर्ती करा दिया। हैरानी की बात तो यह है कि अपनी लापरवाही और अनियमितता के लिए शर्मसार न होकर डाक्टर पूजा ने इस बार भी बिना महिला चिकित्सालय प्रशासन को सूचित किये अपने घर को चली गयी।

 

बुधवार को घटी इस घटना के चार दिन बाद भी डाक्टर पूजा ने न तो चिकित्सालय प्रशासन को लिखित रूप् से छुटटी या मेडिकल लीव के लिए कोई आवेदन ही दिया और न ही चिकित्सालय आकर डयूटी ही निभाना उचित समझा, उल्टे बेहोशी का नाटक कर सीएमएस पर मानसिक दबाव बनाने का प्रयास किया कि उनकी अनियमितता पर किसी तरह की रोट टोक न लगायी जाये।

 

अब देखना यह है कि सीएमएस या स्वस्थ्य विभाग के आलाअधिकारी इस तरह के लाखों रूप्ये प्रतिमाह वेतन पाने वाले डाक्टर के इस तरह लापरवाही और गैरजिम्मेदाराना आचरण के विरूद्व क्या कोई कार्यवाही भी करते है या फिर जनता के पैसे को यूं ही लुटते हुए और मरीजों को होने वाली असुविधा देखते रहते है।

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राजेंद्र सिंह

राजेंद्र सिंह (सम्पादक)

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