पन्ना में पर्यटन और रोजगार की अपार संभावना -डाॅ जैन
छतरपुर (मध्यप्रदेश) ! स्वशासी महाराजा कॉलेज, छतरपुर के वाणिज्य विभाग के स्नातकोत्तर कक्षाओं के 45 छात्रा छात्राओं ने बौद्धिक प्रकोष्ठ के तहत शुक्रवार को आयोजित एक सार्थक शैक्षणिक भ्रमण के दौरान पन्ना जिले की ग्राम मझगुवां स्थित विश्वप्रसिद्ध हीरा उत्खनन परियोजना देखी एवं सम्बन्धित तकनीकी प्रक्रिया को समझा।
इसके साथ ही छात्रों ने विश्वप्रसिद्ध धार्मिक पर्यटन नगरी पन्ना का भ्रमण कर यहां धार्मिक पर्यटन एवं प्राचीन गंगऊ बांध का अवलोकन कर रमणीक पर्यटन के विकास की संभावनाओं का आंकलन किया।अब शैक्षिक भ्रमणकारी सभी छात्र – छात्राएं अपने भ्रमण के अनुभवों, आंकलनों तथा सुझावों को एक प्रोजेक्ट के रूप में लिख कर विभाग में प्रस्तुत करेंगे।
प्राचार्य डॉ एल एल कोरी के निर्देशन एवं वाणिज्य विभागाध्यक्ष डॉ डीपी शुक्ला एवं प्राध्यापकों डॉ प्रभा अग्रवाल, डॉ बीके अग्रवाल, डॉ ओ पी अरजरिया, डॉ सुमति प्रकाश जैन , डॉ एम एस यादव, डॉ अशोक निगम एवं अतिथि विद्वान संजय जैन के मार्गदर्शन में एम. कॉम. द्वितीय एवं चतुर्थ सेमेस्टर के 45 छात्र छात्राओं का यह शैक्षणिक टूर शुक्रवार को छतरपुर से प्रातः 8 बजे रवाना हुआ। यह भ्रमण दल सबसे पहले पन्ना जिले के ग्राम मझगवां में स्थित हीरा उत्खनन परियोजना को देखने पहुंचा।
डॉ सुमति प्रकाश जैन के मुताबिक निर्धारित प्रक्रिया से अनुमति प्राप्त करने के बाद भ्रमण दल राष्ट्रीय खनन विकास निगम लि. की हीरा खनन परियोजना, मझगुवां पहुंचा।यहां सहायक महा प्रबंधक संजय कुमार ने हीरा खदान से एक दिन पूर्व निकले तीन तरह के हीरों जेम, आफ कलर एवं डार्क ब्राउन को दिखाते और उनकी विशेषताएं समझाते हुए बताया कि जेम एवं आफ कलर हीरों का इस्तेमाल ज्वेलरी बनाने में किया जाता है जबकि डार्क ब्राउन किस्म का हीरा इंडस्ट्रीयल कटिंग के काम आता है और सबसे सस्ता होता है।
चमकते – दमकते हीरे देखने के बाद विद्यार्थियों के इस भ्रमण दल को सुजीत कुमार सहायक महाप्रबन्धक, माइनिंग ने विशाल आकार की हीरा खदान का अवलोकन कराते हुए हीरा उत्खनन की तकनीकी जानकारी विस्तार से दी। छात्र छात्राओं ने भी समूह में सारी जानकारी ध्यान से सुनी और अपनी अनेक जिज्ञासाओं का समाधान भी प्रश्नों के माध्यम से किया।
मैकेनिकल प्लांट के सहायक महाप्रबंधक वीके जैन ने सभी विद्यार्थियों एवं स्टाफ को हीरा प्रोसेसिंग के तीन प्लांटों का अवलोकन कराते हुए रा-मटेरियल से हीरा शोधन की तीन चरणों की क्रसिंग, एच एम एस एवं एक्सरे की जटिल तकनीकी प्रक्रिया की जानकारी सरल तरीके से स्पष्ट की।हीरा उत्खनन परियोजना का भ्रमण बखूबी कराने में यहां के कर्मचारी संघ के महासचिव श्री समर बहादुर सिंह का विशेष सहयोग रहा।
उल्लेखनीय बात रही कि हीरा परियोजना प्रबन्धन ने वाणिज्य विभाग की पी जी कक्षाओं के गुलाबी यूनिफॉर्म धारी छात्र छात्राओं के अनुशासन और एक सी सुंदर लगती यूनिफॉर्म की भूरी भूरी सराहना की एवं उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।
शैक्षिक भ्रमणकारी छात्रों का यह ग्रुप हीरा खदान के बाद प्रसिद्ध धार्मिक नगरी पन्ना पहुंचा। यहां सभी छात्र – छात्राओं ने प्रणामी संप्रदाय के जगविख्यात एवं मनोज्ञ प्रणामी मंदिर एवं भगवान जुगल किशोर मंदिर के दर्शन किए। विद्यार्थियों ने पन्ना में धार्मिक पर्यटन के विकास की दृष्टि से भी यहां सुविधाओं का अवलोकन कर सुझाव दिया कि यहां आवागमन के सभी प्रकार के साधनों तथा पर्यटकों के रुकने की सुविधाओं में इजाफा किया जाना अपेक्षित है।
यह भ्रमणकारी समूह गृह वापसी के समय प्राचीन गंगऊ डेम का अवलोकन करने पहुंचा। यहां बांध के कर्मचारी गाइड ने विद्यार्थियों को बांध के ऊपरी और सुरंगनुमा खूबसूरत भीतरी हिस्से को दिखाते हुए इसका प्राचीन इतिहास, इसकी मजबूत बनावट एवं विशेषताओं को बताया।यहां की प्राकृतिक छटा के नज़ारे देखने के साथ ही विद्यार्थियों को जंगल में हिरण, चीतल, नील गाय, लाल काले बन्दर आदि पशु भी देखने मिले, जिससे भ्रमणकारी विद्यार्थियों का आनंद दुगुना हो गया।भ्रमण दल ने सुझाव दिया है कि यदि रनगुवां एवं गंगऊ डेम के मार्ग को अच्छा बना कर आवागमन के साधन और प्रचार प्रसार बढ़ाया जाए तो यहां पर्यटन गतिविधियों में इजाफा होगा।
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