दिल्ली लाइफस्टाइल

“इक शायर की आरज़ू” नरेश मलिक की ग़ज़ल संग्रह का विमोचन, गीताश्री साहित्य भारती परिषद के तत्वाधान में हुआ संपन्न

नई दिल्ली। देश की प्रसिद्ध संस्था गीताश्री साहित्य भारती परिषद के तत्वावधान में प्रसिद्ध शायर नरेश मलिक की ग़ज़ल संग्रह “इक शायर की आरज़ू” का रविवार 25 दिसंबर कों दिल्ली के प्रसिद्ध होटल “जागीर पैलेस”, मायापुरी में गणमान्य अतिथियों अनुरुद्ध लाल, नेता, विचारक एवं बुद्धिजीवी, जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा शायर विनोद तिवारी, प्रसिद्ध गायक सत्यम आनंद, मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट एवं कवि ओम सपरा, कवि एवं शायर जय सिंह आर्य, शायर एवं ग़ज़लकार अजय अज्ञात, ओम प्रकाश प्रजापति, मुख्य संपादक ट्रू मीडिया द्वारा भव्य विमोचन किया गयाl

कार्यक्रम का मंच संचालन गायिका एवं कवयित्री चित्रा चक्रवर्ती ने बहुत ही शानदार और प्रभावशाली तरीके से कियाl इस अवसर पर गीताश्री साहित्य भारती परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनारायण गुप्त, निदेशक सुधीर सिंह सुधाकर एवं अन्य पदाधिकारी शिखा अरोरा, मधु अरोरा, रवि गोयल, स्नेहलता पाण्डेय, हरप्रीत कोर आदि पूरे कार्यक्रम में उपस्थित रहेl गणमान्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई और तत्पश्चात गायिका सुनीता बुगा ने मधुर कंठ से माँ सरस्वती की वंदना सुनाई जिसे सभी ने अत्यंत पसंद कियाl इसके बाद सुभाष मदान ने बेहद प्रभावशाली ढंग से भगवान श्रीराम का भजन पेश किया जिससे सारा वातावरण राममय हो उठा और जय श्री राम के नारे गूंज उठेलिए

शायर नरेश मलिक ने अपने ग़ज़ल संग्रह “इक शायर की आरज़ू” पर विचार रखते हुए ग़ज़ल संग्रह का उद्देश्य और उसमें संकलित ग़ज़लों पर प्रकाश डालाl शायर नरेश मलिक ने अपने कहे एक शेर का ज़िक्र करते हुए कहा “लगे जो चोट ग़र तुमको न मैं चुपचाप रहता हूँ, मैं शायर हूँ ग़ज़ल में बस तुम्हारा दर्द कहता हूँ” और ये बड़ी बेबाकी से स्पष्ट किया कि उन्होंने इन ग़ज़लों के माध्यम आम लोगों के दर्द को ही बयां किया है और अपने इस ग़ज़ल संग्रह में हर विषय पर ग़ज़ल कही हैl उनके ग़ज़ल संग्रह पर सभी उपस्थित गणमान्य अतिथियों ने अपने विचार रखे और उनकी ग़ज़लों की प्रशंसा करते हुए उनके ख़ास शेरों को अपने संबोधन में पढ़ कर सुनायाl

प्रसिद्ध कवि एवं ग़ज़लकार जय सिंह आर्य ने तो नरेश मलिक जी द्वारा देश के जवानों पर लिखी ग़ज़ल जिसके अशआर थे “किसी ने मनाई है सरहद पे होली, हमारे लिए उसने खाई है गोली” को बहुत ही बेहतरीन और प्रभावशाली ढंग से गाकर पेश किया जिसे उपस्थित जनसमूह ने बेहद पसंद किया और नरेश मलिक की ग़ज़ल और जय सिंह आर्य की प्रस्तुति को बहुत दाद दी और तालियां बजाकर अपनी ख़ुशी जाहिर कीलिए

देश के प्रसिद्ध गायक सत्यम आनंद ने जब शायर नरेश मलिक की लिखी ग़ज़लों को अपनी मधुर आवाज़ में गाना शुरू किया तो उपस्थित लोग आनंद से झूम उठेl गायक सत्यम आनंद ने एक एक कर जब शायर नरेश मलिक की ग़ज़लों को सुनाना प्रारंभ किया तो एक शानदार महफ़िल सज गई और लोग आनंदित हो उठेl सत्यम आनंद की ग़ज़ल गायकी ने श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया और लोगों ने बार बार तालियां बजाकर प्रसन्नता जाहिर कीl

सत्यम के ग़ज़ल गायन के बाद काव्य गोष्ठी प्रारंभ की गई और कार्यक्रम में आए लगभग 30 कवियों, कवयित्रियों, शायरों ने अपनी शानदार प्रस्तुति दीl इसके बाद सम्मान समारोह का कार्यक्रम हुआ और साहित्यकारों और अन्य क्षेत्रों से जुड़े लोगों को उनके उल्लेखनीय कार्यो के लिए “श्रेष्ठ विभूति सम्मान 2022” प्रदान किया गयाl मुंबई से आए प्रसिद्ध गायक सत्यम आनंद को भी विशेष तौर पर शाल ओढ़कर, प्रशस्ति पत्र, ट्रॉफी देकर “श्रेष्ठ विभूति सम्मान 2022” प्रदान किया गयाl पूरा कार्यक्रम अत्यंत खूबसूरत ढंग से चला और बेहद सुन्दर एवं प्रभावशाली रहाl साहित्य जगत में ऐसे कार्यक्रम कम ही होते हैं जिस पर एक मंच में पुस्तक विमोचन, ग़ज़ल गायन, काव्य गोष्ठी और सम्मान समारोह का इतने शानदार ढंग से आयोजन होl पूरे कार्यक्रम की रिकॉर्डिंग की गई और कार्यक्रम फ़ेसबुक के कई पृष्ठों पर जीवंत चला जिसे कार्यक्रम में आए प्रत्येक व्यक्ति ने सराहाl

अवसर पर शायर नरेश मलिक ने गीताश्री साहित्य भारती परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष युवा कवि राजनारायण कैमी, निदेशक सुधीर सिंह सुधाकर एवं दिल्ली इकाई के सभी पदाधिकारियों का धन्यवाद अदा करते हुए कहा की जिनके सहयोग से पूरा कार्यक्रम शानदार ढंग से सम्पन्न हुआ उसके लिए मैं आप सभी का आभारी हूं।

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राजेंद्र सिंह

राजेंद्र सिंह (सम्पादक)

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