सज्ञानं में आने के बाद भी कार्यवाही में रूचि नहीं दिखा रहे अपार जिलाधिकारी
मीडिया को भी गुमराह करने का प्रयास कर रहे निबंधन कर्मचारी
गोण्डा। उपनिबंधक कार्यालय गोण्डा में अवैध वसूली कि खबर कोई आश्चर्य चकित करने वाली नहीं है। कभी भी गोपनीय जांच की जाय तो अवैध वसूली कि पुष्टि हो ही जायेगी। ज्यादातर मामलों में रिश्वत सीधे वकील या बैनामा लेखक के जरिए बैनामा करवाने वाले व्यक्ति से आफिस खर्च के नाम पर वसूल कर उपनिबंधक कार्यालय पहुंचा दिया जाता है। जिससे इस तरह की अवैध वसूली ज्यादातर सामने ही नहीं आ पाती।
बड़ी बात तो ये है की इस भ्रष्टाचार का खुलासा होने के बाद ज़ब निबंधन कार्यालय में जानकारी की कोशिश की गई तो मीडिया को भी गुमराह करने का प्रयास करने की कोशिश करते हुए भ्रामक जानकारी उपलब्ध कराई गई।
उससे भी ज्यादा हैरानी तो तब हुई ज़ब मामले पर अपर जिलाधिकारी से चर्चा हुई तो उन्होंने भी प्रकरण को बेहद ही हलके ढंग से लेते हुए कार्यवाही का कोई संकेत न देते हुए बात को समाप्त कर दिया।
निबंधन कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार का खुलासा तब हुआ ज़ब गत सोमवार 30 जनवरी को हुए वायरल वीडियो ने रजिस्ट्री आफिस में चल रही रिश्वतखोरी को साबित किया । वायरल वीडियो में दिखाया गया की रजिस्ट्री की रसीद में 8920 रुपए अंकित है लेकिन रजिस्ट्री आफिस के कर्मचारी द्वारा 9220 रुपए मांगा जाता है। इस पर जब 300 रुपए अधिक लेने का कारण पूंछा जाता है,तो कर्मचारी कहते हैं कि ये 300 रुपए सबसे लिया जाता है।
प्रकरण पर जब रजिस्ट्री आफिस के प्रमुख कर्मचारी प्रभाकर मिश्रा से दूरभाष पर बात जानकारी ली गई तो उन्होंने खुद को कनिष्ठ लिपिक बताया और कहा कि इस मामले पर अपर जिलाधिकारी ने रुपए मांगने वाले कर्मचारी को बुलाया है। साथ ही ये भी बताया कि अभी तक उपनिबंधक कोई नहीं आया है चार्ज बड़े बाबू के पास है, परन्तु बार-बार पूछने पर भी श्री मिश्र ने इंचार्ज बड़े बाबू का नम्बर उपलब्ध नहीं कराया।
जबकि अपर जिलाधिकारी सुरेश सोनी ने दूरभाष पर बताया कि न कहाँ की न तो उन्होंने किसी को बुलाया है और न ही कोई उनके पड़ आया है, खास बात तो ये है की जिले के अपर जिलाधिकारी के पास चार्ज लिए हुए उपनिबंधक का नम्बर ही नहीं है जिसे उन्होंने स्वयं स्वीकार किया जो अपने आप में बेहद ही हैरानी भरा है।
उन्होंने कहा कि उपनिबंधक का चार्ज किसी महिला के पास है जिसका नम्बर मेरे पास नहीं है। उन्होंने ये भी कहा कि प्रभाकर मिश्रा झूठ बोल रहे हैं। जबकि प्रभाकर मिश्रा रजिस्ट्री आफिस का चार्ज वरिष्ठ लिपिक के पास बताते हैं और उनका नम्बर देने में आनाकानी करते हैं और ये भी झूठ बोल रहे हैं कि एडीएम साहब ने पैसा मांगने वाले कर्मचारी को बुलाया है। ऐसा क्यों कह रहे हैं जबकि रजिस्ट्री आफिस में रजिस्ट्री का महत्वपूर्ण कार्य प्रभाकर मिश्रा ही देखते हैं।