शादी का झांसा देकर बनाया था अपनी हवस का शिकार
कोलकाता (पश्चिम बंगाल)। प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के नेता पर नाबालिग से बलात्कार के आरोप लगना अपने आप में इसलिए ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि पार्टी की सर्वेसर्वा एक महिला है और वाह भी मुख्यमंत्री, जी हाँ इसी पार्टी के एक छात्र नेता पर एक नाबालिग से बलात्कार का आरोप है जिसे न्यायालय ने 24 घंटे में आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया है, इतना ही नहीं कोर्ट ने पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाते हुए उसे भी फटकार लगाई है।
प्रकरण कांथी थाने का है जहाँ पिछले 10 जनवरी को दर्ज मुक़दमे के अनुसार तृणमूल कांग्रेस के छात्र नेता शुभदीप गिरी पर एक नाबालिग से बलात्कार किये जाने का आरोप है। मामले में उच्च अदालत की एकल पीठ ने शुभदीप को आरोपी मानते हुए गिरफ्तार करने का आदेश दिया जिसपर आरोपी की अपील पर न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव तथा राजर्षि भारद्वाज की खंडपीठ ने एकल पीठ के आदेश को कायम रखते हुए शुभदीप को 24 घंटे में आत्मसमर्पण करने का आदेश जारी कर दिया है।
एकल पीठ के आदेश के बाद भी शुभदीप की गिरफ़्तारी न करने से नाराज खंडपीठ ने पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए उसे जमकर फटकार भी लगाई है। खंड ने कहा की आप की जांच उचित ढंग से नहीं हो रही है आप उसे अविलम्ब गिरफ्तार कीजिए।
टीएमसी नेता शुभदीप पर आरोप है की उसने शादी का झांसा देकर नाबालिग को अपनी हवस का शिकार बनाया और उसकी तस्वीरे भी अपने मोबाईल से ले ली। ज़ब नाबालिग ने शुभदीप पर शादी का दबाव बनाया तो उसने इंकार कर दिया। उसपर ये भी आरोप है की तस्वीरों को हटाने की बात कह कर पीड़िता को एक होटल में बुलाया जहाँ एक बार फिर उसे अपनी हवस का शिकार बनाया। पीड़ित के माता पिता का कहना है की अपने साथ घटी घटनाओं से आहत नाबालिग ने आत्महत्या का भी प्रयास किया। वहीं शिकायत दर्ज किये जाने के बाद भी कांथी पुलिस कार्यवाही करने के बजाय हाथ पर हाथ धरे बैठी रही।