अपराध उत्तर प्रदेश गोंडा

एक की जेल में तो ज़मीन घोटाले के दूसरे आरोपी की पुलिस अभिरक्षा में हुई मौत, प्रशासन पर उठ रहे गंभीर प्रश्न

खानापूर्ति कर एक एस आई सहित दो पुलिस कर्मियों को किया गया निलंबित

गोंडा। बहुचर्चित फर्जी जमीन बैनामा प्रकरण में एक और आरोपी की पुलिस अभिरक्षा में तेजाब पी लेने के कारण मंगलवार को जिला अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई।

मौत की खबर मिलते ही परिजनों एवम अधिवक्ताओं ने जिला अस्पताल में जमकर हंगामा काटा।परिजन पुलिस अभिरक्षा में हत्या किए जाने का संदेह व्यक्त कर रहे हैं।
आरोपी अधिवक्ता राजकुमार लाल श्रीवास्तव 60 वर्ष निवासी नगर कोतवाली गायत्री पुरम को पुलिस ने 12 मई को 400 किलोमीटर दूर रामपुर से गिरफ्तार किया था। पुलिस के अनुसार गिरफ्तारी के दौरान ही उसने संदिग्ध रूप से तेजाब पी लिया था।हालत बिगड़ने पर उसे जिला अस्पताल 14 मई को लाया गया था जहां डॉक्टर ने उसकी नाजुक हालत को देखते हुए उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया था। पुलिस उसे लखनऊ ले गई और वापस लाकर जेल भी भेज दिया। विगत 14 मई को पुनः उसकी हालत बिगड़ने पर उसे जिला अस्पताल लाया गया जहां उसे पुलिस अभिरक्षा में डॉक्टरों ने भर्ती कर लिया।16 मई मंगलवार के रोज जिला अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

मौत की खबर मिलते ही कई दर्जन अधिवक्ता एवम परिजन अस्पताल पहुंच गए और जमकर हंगामा काटा। अधिवक्ताओं ने जहां मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर रश्मि वर्मा से डॉक्टरों के एक पैनल के द्वारा पोस्टमार्टम कराए जाने की मांग की वही इस मामले में उच्चस्तरीय जांच कराए जाने की मांग के साथ ही दोषी पुलिस कर्मियों के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की है। वही परिजनों ने अभिरक्षा में हत्या किए जाने का संदेह व्यक्त करते हुए इसकी उच्चस्तरीय जांच कर कठोर कार्यवाही किए जाने की मांग उच्चाधिकारियों से की है।
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मृतक के भाई का कहना है कि उसके भाई की मौत पुलिस अभिरक्षा के दौरान हुई है। चूंकि मामला चर्चित फर्जी जमीन बैनामे के मामले से जुड़ा है। जिसमे कई सफेदपोश लोग शामिल है ऐसे में भाई की संदिग्ध परिस्थितियों में पुलिस अभिरक्षा के दौरान मौत हो जाना संदेह पैदा करता है। परिजनों का कहना है कि इसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। और दोषियों को बख्शा नहीं जाना चाहिए।

गौरतलब है कि जनपद में बहुचर्चित फर्जी जमीन बैनामा प्रकरण में 100 से भी अधिक मुकदमे विभिन्न थानों में विभिन्न धाराओं में दर्ज किए गए थे। जिसमे सब रजिस्ट्रार से लेकर अधिवक्ताओं सहित करीब आधा दर्जन से अधिक लोग जेल भी भेजे गए थे।
इस मामले में पूर्व में भी एक अन्य आरोपी जिसे वजीरगंज से एस ओ जी के द्वारा गिरफ्तार किया गया था की भी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो चुकी है। उसके परिजनों ने भी मामले में पुलिस के ऊपर बेरहमी से पिटाई कर हत्या कर दिए जाने का संदेह व्यक्त किया था। इस मामले में भी कई पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया था। इस कड़ी में यह दूसरी संदिग्ध मौत है जो पुलिस अभिरक्षा में आरोपी अधिवक्ता की हुई है।

सूत्रों वा लोगों की माने तो लोग दबी जुबान से अब यह कह रहे हैं कि परदे के पीछे कुछ बड़ा खेल चल रहा है। और ऐसा करके किसी बड़े खिलाड़ी को बचाने का प्रयास किया जा रहा है।

इस प्रकरण में अपर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि भूमि घोटाले मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपी अधिवक्ता की इलाज के दौरान जिला अस्पताल में मौत हो गई।उसे पुलिस अभिरक्षा में जिला अस्पताल में14 मई को भर्ती कराया गया था।

परिजनों एवम अधिवक्ताओं के द्वारा जैसा की कहा जा रहा है उसका संज्ञान लेते हुए चौकी इंचार्ज सिविल लाइंस रजनीश दिवेदी वा दो अन्य पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है और विधिक कार्यवाही की जा रही है।

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अशफ़ाक़ शाह

(संवाददाता)

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