01 साल से भटक रहा था फरियादी, डीएम ने 01 दिन में किया समस्या का समाधान
गोण्डा। 80 साल के बुजुर्ग श्यामलाल गोण्डा के रेतवागाड़ा गांव के रहने वाले श्यामलाल को मृतक बताकर लेखपाल और राजस्व निरीक्षण ने खतौनी से नाम गायब कर दिया। बीते 01 साल के वह लगातार कचहरी के चक्कर लगा चुके थे लेकिन, कोई समाधान नहीं मिला।
हिम्मत जुड़ाकर श्यामलाल मंगलवार को सीधे जिलाधिकारी नेहा शर्मा के जनता दर्शन कार्यक्रम में कलेक्ट्रेट पहुंच गए। उन्होंने जिलाधिकारी नेहा शर्मा के सामने अपना प्रकरण प्रस्तुत किया। जिलाधिकारी ने भी उनकी शिकायत को बेहद गंभीरता से सुना। तत्काल संबंधित अधिकारियों को जांच कर कार्यवाही सुनिश्चित करने के संबंध में सख्त निर्देश दिए। इतना ही नहीं, खुद जिलाधिकारी ने 24 घंटे में ही श्यामलाल की समस्या का समाधान भी सुनिश्चित किया।
श्यामलाल बताते हैं कि संबंधित प्रकरण में जून 2022 में ही लेखपाल, कानूनगो तथा नायब तहसीलदार द्वारा अपनी आख्या लगा दी गई थी। बावजूद, इस प्रकरण के संबंध में आदेश जारी नहीं किए जा रहे थे। जिस समस्या को लेकर वह साल भर से चक्कर काट रहे थे, डीएम साहिबा ने उसका समाधान 24 घंटे में कर दिया। श्यामलाल अब बेहद खुश हैं।
हालांकि जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने अपनी जिम्मेदारी का जिम्मेदारी से निर्वहन करते हुए पीड़ित बुजुर्ग को न्याय तो दे दिया लेकिन इस पूरे प्रकरण में जो सवाल अनुत्तरित रह गया वो ये है की जिस लेखपाल और राजस्व निरीक्षक ने जीवित व्यक्ति को मृत घोषित कर दिया था उस पर क्या कोई कार्रवाई भी होगी या नहीं? जिलाधिकारी नेहा शर्मा के अबतक के कार्यकाल को देखा जाये तो उन्होंने ऐसे भ्रस्टाचारियों पर कठोर कार्रवाई करने में कभी भी हिचक नहीं दिखाई है जिससे इस बात की पूरी सम्भावना है की इस प्रकरण में सम्मिलित लेखपाल और राजस्व निरीक्षक पर भी जल्द और कठोर कार्रवाई सामने आएगी।
लेकिन शंका इस बात पर भी बनती है की जिलाधिकारी नेहा शर्मा द्वारा दी गई जानकारी में कहीं भी इस बात का वर्णन नहीं किया गया है की इन दोषी कर्मचारियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई भी की जाएगी जो इस बात की सम्भावना को बल प्रदान कर रहा है की कहीं किसी दबाव के कारण इस मामले को रफा दफा करने का तो प्रयास नहीं किया जा रहा। शंका को इसलिए भी बल मिल रहा है की जानकारी में न तो लेखपाल का ही नाम बताया गया है और न ही राजस्व निरीक्षक का।