लाखों का सिक्योरिटी सिस्टम हो रहा कबाड़ में तब्दील
गोंडा। आए दिन स्वास्थ्य सेवाओं, खराब उपकरणों, वाहनों के नियमित संचालन की लचर व्यवस्था को लेकर सुर्खियों में बना रहने वाला मेडिकल कालेज से संबद्ध चिकित्सालय बाबू ईश्वर शरण में आने वाले मरीज और उनके वाहन भी अब सुरक्षित नही है? चिकित्सालय की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चिकित्सालय प्रशासन तो कई बड़े बड़े दावे करता है लेकिन चिकित्सालय के सुरक्षा तंत्र को भेद कर जेब कतरे ,वाहन चोर जहां आने वाले मरीजों,तीमारदारों को अपना शिकार बना रहे हैं वही चिकित्सालय प्रशासन के सुरक्षा व्यवस्था को कड़ी चुनौती भी दे रहे है।
संबद्ध चिकित्सालय में शुक्रवार को आरडीसी सेंटर में करीब 01:00 बजे जांच कराने के लिए पहुंचे राजू पुत्र शमालु निवासी टिकरिया कोतवाली देहात, अपनी बहन को बवासीर के इलाज हेतु ऑपरेशन के पूर्व की जांच कराने 26 नंबर आरडीसी सेंटर में गया था, जहां रजिस्ट्रेशन काउंटर पर उमड़ी भयानक भीड़ के बीच जेब कतरोंं ने उसकी जेब से इलाज के लिए रखे 7500 रुपए पार कर लिए।इसी जगह एक दूसरी घटना में एक विधवा महिला फरजाना पत्नी स्वर्गीय हसन अहमद निवासी मारवाड़ इंटर कॉलेज कोतवाली नगर के साथ उसी वक्त हुई यहां महिला का पर्स उचक्कों ने पार कर दिया जिसमे 1700 रुपए थे। महिला का रो रो के बुरा हाल था। इन दोनो घटनाओं में पीड़ितों ने चिकित्सालय प्रबंधन तंत्र के हेल्प डेस्क पर लिखित शिकायत दर्ज कराई है।
तीसरी घटना पर्चा काउंटर के पास खड़े एक अज्ञात व्यक्ति के साथ घटी जब वह अपनी साइकल खड़ी कर पर्चा बनवाने गया था तभी वहां चोरों ने इसकी सायकिल पार कर दी और फरार हो गए।
संबद्ध चिकित्सालय का 26 नंबर आरडीसी सेंटर जेब कतरों वाहन चोरों का सेफ जोन बनता जा रहा है। यदि विभाग के लोगों की माने तो इस जगह आठ 8 कैमरे लगाए गए है। 1 पैथोलॉजी 2 इंट्रेंस गली में 3 टीवी लैब 4 रजिस्ट्रेशन रूम 5 फोरेंसिक लैब 6 सीटी स्कैन गली 7 एक्सरे रूम 8 सेंटर की छत पर लगाया गया है। लेकिन सबसे हास्यपद और चिंतित कर देने वाली बात यह है कि सभी कैमरे डेड हैं।इससे भी बड़ी चौकाने वाली बात यह है कि दो वर्षो से लगातार खराब चल रहे इन कैमरों को ठीक कराने की सुधि अस्पताल प्रशासन ने नही ली।संभवतः यह बात जेबकतरों, वाहन गिरोह के लोगों को भी अच्छी तरह पता होगी और इसलिए वे बेखौफ होकर यहां आने जाने वालों की जेबें भी काट रहे हैं और वाहनों की चोरी भी।
आठ कैमरे एक कंट्रोल रूम जिसमे लगभग लाखो रुपए खर्च किए गए लोगों की सुरक्षा को लेकर लेकिन यह सब शो पीस बन कर रह गए। सभी सुरक्षा के उपकरण एक 1 नंबर कमरे में दीवार पर लटके धूल फांक रहे है। इनका हाल यह है कि वे अब धीरे धीरे कबाड़ में तब्दील होते जा रहे है।
आज की घटना को लेकर जब चिकित्सालय प्रशासन के चिकित्साधीक्षक डॉक्टर एम डब्लू खान से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उन्होंने अभी जल्द ही चार्ज लिया है।व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए वे प्रत्येक बिंदुओं पर मिल रही जानकारी के अनुशार उसे बेहतर बनाने का प्रयास कर रहे है। आपके द्वारा प्राप्त जानकारी का संज्ञान लेते हुए इस घटना एवम समस्या से अपने उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। एक या दो दिनों के अंदर ही इस समस्या का निदान कर दिया जाएगा। सभी कैमरों को क्रियाशील बनाया जाएगा।