इंस्टीट्यूट ऑफ मिनरल्स एंड मटेरियल टेक्नोलॉजी ने प्रोजेक्ट असिस्टेंट एवं अन्य पदों पर आवेदन मांगे हैं। इस भर्ती प्रक्रिया में कुल रिक्त पदों की संख्या 73 है। उम्मीदवार इन पदों पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। उम्मीदवार आवेदन करने से पहले ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर नोटिफिकेशन डाउनलोड कर लें। उम्मीदवार इन पदों पर 01 दिसंबर 2018 से पहले ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। ऐसे करें आवेदन:
जिन उम्मीदवारों को इन पदों पर आवेदन करना है वे इंस्टीट्यूटऑफ मिनरल्स एंड मटेरियल टेक्नोलॉजी के ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
Other details:
Location: Orissa
Organization: इंस्टीट्यूट ऑफ मिनरल्स एंड मटेरियल टेक्नोलॉजी
Starting Date Of Online Form Submission: 2018/11/17
End Date Of Online Form Submission: 2018/12/01
Maximum Age (in Year): 35 वर्ष
Selection Procedure:उम्मीदवारों का चयन मेरिट लिस्ट एवं साक्षात्कार के आधार पर किया जाएगा।
Education Qualification:शैक्षणिक योग्यता पदानुसार है। उम्मीदवार को सलाह दी जाती है कि वे नोटिफिकेशन देखें।
गोण्डा ! सोमवार को सरस्वती देवी नारी ज्ञानस्थली पी0जी0 कालेज गोण्डा में स्वतंत्रता दिवस के आजादी के अमृत महोत्सव के पर्व पर दो सत्रो में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित हुये। प्रथम सत्र् में महाविद्यालय के प्रांगण में प्रातः 08ः00 बजे महाविद्यालय की व्यवस्थापिका डा0 आनन्दिता रजत ने समस्त स्टाफ एवं छात्राओं की उपस्थिति में ध्वजारोहण किया।
इस अवसर पर विभिन्न प्रकार के खेल कूद के कार्यक्रम आयोजित किये गये। कार्यक्रम में सबसे मुख्य आकर्षण महाविद्यालय की शिक्षिकाओं एवं शिक्षकों तथा तृतीय श्रेणी एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के बीच रस्साकशी प्रतियोगिता का आयोजन रहा। कार्यक्रम के द्वितीय सत्र् में संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश एवं जिला प्रशासन गोण्डा के तत्वाधान में टाउनहाल में आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम में महाविद्यालय ने विभिन्न कार्यक्रम प्रस्तुत किये। कार्यक्रम का शुभारम्भ महाविद्यालय की छात्राओं अस्मिता, नवर्षि, जया, क्षमा, साक्षी एवं प्रीती ने सरस्वती वन्दना गाकर किया गया।
तत्पश्चात संगीत विभाग की शिक्षिका श्रीमती किरन पाण्डेय एवं श्वेता सिंह के निर्देशन में संगीत विभाग की छात्राओं ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। महाविद्यालय की शिक्षिका श्रीमती गीता श्रीवास्तव के निर्देशन में शबाना बानो, जरीन फातिमा, निदा, अर्पिता, क्षमा श्रीवास्तव, अनीषा एवं कोमल जायसवाल ने ‘‘शहीद के परिवार की व्यथा’’ नाटक का भावपूर्ण मंचन किया।
योग विभाग की शिक्षिका समता धनकानी के नेतृत्व में योगा विभाग की छात्राओं प्राची, मानसी, आयुषी, भावना, शुभांषी, सलोनी, आज्ञा एवं कोमल ने ‘‘भारत की बेटी’’ गाने पर सामूहिक देश भक्ति नृत्य प्रस्तुत किया। योगा विभाग की छात्रा प्राची शर्मा ने हर घर तिरंगा पर नृत्य प्रस्तुत करते हुये झण्डे का इतिहास बताया एवं हर घर तिरंगा के महत्व को बताया।
सम्पूर्ण कार्यक्रम का सफल संचालन मोनिका श्रीवास्तव द्वारा किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से श्रीमती रंजना बन्धु, डा0 नीलम छाबड़ा, डा0 हरप्रीत कौर, डा0 सीमा श्रीवास्तव, डा0 मौसमी सिंह, डा0 नीतू सिंह, डा0 अमिता श्रीवास्तव, डा0 रश्मि द्विवेदी, डा0 आशू त्रिपाठी, कंचन पाण्डेय, सुनीता मिश्रा, अनु उपाध्याय, सुनीता पाण्डेय, सुबेन्द्र वर्मा, हीरालाल वर्मा, चन्द्र पाल, सविता मिश्रा, अर्जुन चौबे, नीतू मिश्रा, अरविन्द कुमार पाठक, मंगली राम, मनोज सोनी, वन्दना मिश्रा, रोली श्रीवास्तव, संध्या सिन्हा, वर्तिका श्रीवास्तव, प्रीती श्रीवास्तव, सुमन सिंह, ईला श्रीवास्तव, गंगेश्वर मणी त्रिपाठी, दिनेश मिश्रा, संन्तोष, किशन कुमार, दिनेश श्रीवास्तव, रमेश, आदि उपस्थित रहे।
बिल्किस बानो मामले में दोषियों को छोड़ना न्याय में आस्था कमज़ोर करने वाला है- शाहनवाज़ आलम
सुप्रीम कोर्ट का दोषियों को छोड़ने का निर्णय गुजरात सरकार पर छोड़ना न्याय का मज़ाक बनाना है
लखनऊ। अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने बिल्किस बानो मामले में उम्र क़ैद की सज़ा पाए 11 दोषियों को गुजरात सरकार द्वारा रिहा कर दिये जाने को न्याय में आस्था को तोड़ने वाला बताया है।
कांग्रेस मुख्यालय से जारी बयान में शाहनवाज़ आलम ने कहा कि दोषियों को एक निश्चित अवधि तक सज़ा भुगतने के बाद रिहाई की व्यवस्था तो है लेकिन इसका राजनीतिक इस्तेमाल करते हुए जघन्यतम अपराधियों को रिहा नहीं किया जाना चाहिए। इससे गलत नज़ीर बनेगी। बिल्किस बानो मामले में 14 लोगों की हत्या, बिल्किस के साथ सामूहिक बलात्कार और उनके अजन्मे बच्चे की हत्या शामिल थी। जिसे न्याय तभी मिल पाया जब मामले की सुनवाई गुजरात से मुंबई ट्रांसफ़र किया गया क्योंकि गुजरात में उन्हें न्याय नहीं मिल सकता था।
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि रिहाई के बाद जिस तरह संघ, भाजपा और अन्य हिंदुत्ववादी संगठनों ने फूल माला के साथ उनका स्वागत किया वो यह भी साबित करता है कि दोषियों और उनके संगठनों में आज भी इस जघन्यतम अपराध के प्रति कोई अपराधबोध नहीं है। जबकि दोषियों को अच्छे व्यवहार के आधार पर राज्य सरकार छोड़ने का दावा कर रही है।
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि ऐसे जघन्य अपराधियों को छोड़ने का निर्णय सुप्रीम कोर्ट द्वारा राज्य सरकार पर छोड़ देना भी सुप्रीम कोर्ट पर विश्वास को कमज़ोर करता है। क्या सुप्रीम कोर्ट को यह तथ्य संज्ञान में नहीं रखना चाहिए था कि बिल्किस को न्याय तभी मिल पाया जब केस दूसरे राज्य में ट्रांसफ़र किया गया।
उन्होंने राज्य सरकार के इस तर्क को कि दोषियों को अपराध की प्रकृति के आधार पर छोड़ा गया है शर्मनाक बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार को बताना चाहिए कि क्या 14 लोगों की हत्या, सामूहिक बलात्कार और भ्रूण को तलवार पर टांग कर मार देने में क्रूरता की कोई कमी रह गयी थी जिसके चलते इन्हें ‘अपराध की प्रकृति’ के आधार पर छोड़ा गया है।
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि दोषियों का जेल के बाहर हिंदुत्ववादी संगठनों द्वारा स्वागत किया जाना उनके विचारधारा के अमानवीय और सभ्यता विरोधी मूल्यों को दर्शाता है !
सूचना पर भड़का पुलिसकर्मी तो विरोध पर स्टोर संचालक ने की मारपीट
गोण्डा ! अपराध को रोकने की जिम्मेदारी उठाये पुलिसकर्मी किस तरह अपने अधिकारों का दुरुपयोग कर समाज को असुरक्षित करने का काम कर रहे है ये तो जगजाहिर है और इसी कुकृत्य का एक और प्रमाण उस समय मिला जब नशीली दवा की अवैध बिक्री की सूचना पर पहुचे मीडियाकर्मी पर ही स्थानीय पुलिस चौकी का सिपाही रौब गांठने लगा, इतना ही नही पुलिसिया संरक्षण पाए मेडिकल स्टोर संचालक ने अवैध दवा की बिक्री का विरोध करने वाले को ही निशाने पर लेकर उसे जमकर पीट दिया ! सबसे खास बात यो ये है कि घटना की शिकायत होने के दो दिन बाद तक न तो पुलिस ने ही कोई कार्यवाही की और न ही औषधि विभाग ने अपने कदम हिलाए जो कि इन आरोपों को प्रमाणित करता है कि पूरा जिला नशीली दवाओं के कारोबार में लिप्त है जिसे पुलिस के साथ औषधि विभाग का भी वरदहस्त प्राप्त है !
प्रकरण कोतवाली नगर के महराजगंज पुलिस चौकी क्षेत्रान्तर्गत कर्बला के पास स्थित प्रेम मेडिकल स्टोर का है ! विगत 14 अगस्त को हुई घटना की पुलिस को दी गई तहरीर में पीड़ित मोहम्मद अकील ने बताया है कि कुछ दवा लेने वह स्टोर पर गया था जहाँ उसने नशीली और प्रतिबंधित दवा की बिक्री होते देखा, जब वह इसकी वीडियो बनाने लगा तब स्टोर संचालक ने अपने साथियों के साथ मिलकर उसे बहुत मारा और पिस्टल निकाल कर जान से मारने की धमकी दी !
हैरानी तो तब हुई जब घटना की जानकारी पर मौके पर पहुंचे मीडियाकर्मी को घटना की कवरेज करने से वहां मौजूद पुलिसकर्मी ने जबरन रोकने का प्रयास किया, पुलिसकर्मी में अपनी दबंगई दिखाते हुए इतना तक कह दिया कि बिना मेरी परमीशन के तुम वीडियो कैसे बना रहे हो !
इस पूरे प्रकरण में पुलिस विभाग और औषधि विभाग की संलिप्तता इससे भी जाहिर होती है कि पीड़ित युवक द्वारा घटना की लिखित जानकारी देने के तीन दिन बाद तक भी न तो पुलिस ने आरोपियों के विरुद्ध कोई कार्यवाही की और न ही औषधि विभाग ने कोई कदम उठाया !
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