अज़ब ग़ज़ब उत्तर प्रदेश गोंडा स्वास्थ्य

ग़ज़ब स्थानांतरण, चिकित्सक विहीन हुआ जिला चिकित्सालय,

एक साथ आठ डॉक्टरों के तबादले से जिला अस्पताल में मचा हाहाकार,

जिला अस्पताल का नेत्र विभाग हुआ डॉक्टर विहीन

प्रमुख डॉक्टरों के स्थानांतरण से मरीज इधर उधर भटकने को मजबूर

गोण्डा। शुक्रवार को शासन स्तर पर जिले में स्वास्थ विभाग के कई आला अधिकारियों के साथ साथ जिला पुरुष चिकित्सालय से एक साथ आठ व महिला चिकित्सालय से एक डॉक्टर का स्थानांतरण किया गया है।

एक साथ आठ आठ डॉक्टरों के स्थानांतरण से जिला मुख्यालय अस्पताल में हाहाकार मच गया। जबकि शासन स्तर पर अभी इन स्थानांतरित डॉक्टरो की जगह किसी की तैनाती का आदेश प्रमुख अधीक्षक कार्यालय को प्राप्त नही हुआ है।
जिसके चलते अस्पताल संचालन में भारी असुविधा उत्पन्न हो गयी है। दूसरी ओर भर्ती मरीजों के साथ साथ दिखाने आने वाले मरीजो के लिए भी,जब तक डॉक्टरों की तैनाती नही होती संकट खड़ा हो गया है।

इन डॉक्टरों के स्थानांतरण का आया आदेश
जिला चिकित्सालय पुरुष से ई एमओ डॉक्टर अजित सिंह, कोविड हॉस्पिटल में तैनात किए गए चिकित्सक डॉक्टर जितेंद्र पांडेय,सर्जन डॉक्टर वी के गुप्ता,चेस्ट फिजिशियन डॉक्टर मोहम्मद जमा,वरिष्ठ फिजिशियन डॉक्टर समीर गुप्ता,एनेस्थीसिया के डॉक्टर अनिल तिवारी,नेत्र सर्जन डॉक्टर पीके श्रीवास्तवा,डॉक्टर संजय कुमार सहित आठ लोगों के नाम प्रमुख हैं।
जबकि मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर आर एस केशरी,अपर निदेशक चिकित्सय स्वास्थ एवम परिवार कल्याण डॉक्टर ए डी अग्रवाल,महिला अस्पताल की डॉक्टर गरिमा सिंह का भी नाम स्थानांतरण सूची में दर्ज है।

भटकते रहे मरीज, डॉक्टर कार्यालय कार्य मे लगे रहे

सोमवार को जब मरीजो की भारी भीड़ उमड़ी तो डॉक्टर अपनी ओपीडी में बैठने की जगह रिलीवर आर्डर व जोइनिंग परक्रिया के लिए कार्यालय में भाग दौड़ करते नजर आए। मरीज ओपीडी के बाहर वार्ड बॉय व अस्पताल कर्मचारियों से नोक झोंक करते दिखे। समझाने के उपरांत भी लोग डॉक्टर के बैठने को लेकर शिकायत करते दिखे।
अचानक इतने बड़े स्तर पर हुए स्थानांतरण को लेकर अस्पताल में खलबली मची रही।

पुरुष चिकित्सालय का नेत्र विभाग हुआ बंद

जिला पुरुष चिकित्सालय में स्थानांतरित डॉक्टरो की वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित नेत्र विभाग है, जहाँ पूर्व में तीन डॉक्टर तैनात थे।डॉक्टर विकाश शेट्टी का अभी हाल ही में निधन हो गया था जिसके चलते विभाग में डॉक्टर पीके श्रीवास्तव,एवम डॉक्टर संजय शर्मा ही बचे थे किंतु शुक्रवार के रोज आये आदेश में विभाग के दोनों डॉक्टरों के नाम शामिल होने के कारण अब नेत्र विभाग डॉक्टर विहीन हो गया,शासन स्तर पर हुए इस प्रशासनिक भूल के कारण सैकड़ो गरीब मरीजो को परेशानियों से दो चार होंना पड़ेगा।गजब तो यह है कि नेत्र विभाग में डॉक्टर न होने के कारण अब बंद करने के आदेश प्रमुख अधीक्षक ने दे दिया है,साथ ही इसकी सूचना जिला अधिकारी को भी भेज दी गयी है।सिर्फ नेत्र परीक्षण कार्य के लिए ही विभाग को खुला रखा जाएगा। मरीजो को नेत्र सर्जरी या नेत्र की बीमारियों से संबंधित समस्याओं के लिए दिखाने पर पर्चा काउंटर को रोक के भी आदेश दे दिए गए है। डॉक्टरों की तैनाती तक अब साधारण मरीज अपनी आंख नही दिखा सकते।
सोमवार के रोज भारी संख्या में आये दूर दराज के मरीज डॉक्टर को दिखाए बिना ही वापस लौट गए।

डॉक्टरो के बिना कार्य संभव नही,प्रमुख अधीक्षक इंदुबाला

जिला पुरुष चिकित्सालय प्रमुख अधीक्षक डॉक्टर इंदुबाला ने बताया कि इतनी बड़ी संख्या में अस्पताल के डॉक्टरों का एक साथ स्थानांतरण अस्पताल के कार्यों को बुरी तरह प्रभावित करेगा। विशेष रूप से नेत्र विभाग तो बंद ही करना पड़ेगा बस नेत्र परीक्षण के लिए ही उसे खोला जाएगा अन्य कार्य बिना डॉक्टर के हो ही नही सकते,इस लिए सामान्य ओपीडी बंद रहेगी।जब तक शासन से डॉक्टरों की तैनाती नही होती अस्पताल के कई ओपीडी कार्य प्रभावित रहेंगे।
स्वास्थ निदेशालय द्वारा जारी किए गए आदेश को जहां लोग सामान्य प्रक्रिया बता रहे है वही जानकर इसे शासकीय त्रुटि मान रहे है। ऐसे लोग जोर देकर यह बात कह रहे हैं कि स्थानांतरण आदेश में कई खामियां है।जिनमे प्रमुख रूप से स्थानांतरित किये गए डॉक्टरो की जगह तैनात किए गए डॉक्टरो के आदेश का न होना बताया जा रहा है।

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अशफ़ाक़ शाह

(संवाददाता)

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