चार दिनों से रक्त के लिए दर दर भटकती रही थी शिल्पा की मां
सीवियर एनीमिया के साथ ही दिल में छेद की बीमारी से पीड़ित है 15 वर्षीय शिल्पा
गोंडा। कहते है धरा पर ईश्वर का रूप हैं डॉक्टर। इस बात को थाना इटियाथोक के करुआ पारा ग्राम सभा की रहने वाली एक 15 वर्षीय शिल्पा की मां से बेहतर कौन जान सकता है। जिसकी बेटी पिछले तीन महीनों से सीवियर एनीमिया के चलते तेज बुखार और उल्टी पलटी की बीमारी से पीड़ित है। उसके दिल में छेद भी है। इस कारण वह बेहद कठिन परिस्थितियों से जूझ रही है। शुक्रवार के दिन उसे इसी के चलते मेडिकल कालेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां चिकित्सकों ने जांच के उपरांत पाया की उसका हीमोग्लोबिन 5.1 है जो कि बेहद कम है।इसे देखते हुए प्रोफेसर डॉक्टर एजाज एहमद ने रक्त चढ़ाए जाने को कहा। शिल्पा के पिता नही है
और जब डॉक्टर ने रक्त की डिमांड की तो मां आशु देवी चीख चीख कर रोने लगी।क्योंकि शिल्पा की मां का दो बेटियों के सिवा कोई और नहीं है। वह तीन दिन से बेटी की जान बचाने के लिए रक्त का इंतजाम करने के लिए इधर उधर भटकती रही। लेकिन अस्पताल में भर्ती शिल्पा को रक्त न मिल सका। थक हार कर जब वह सुप्रीटेंडेंट डॉक्टर एम डबल्यू खान के पास पहुंची तो उन्होंने उसके इलाज के लिए स्वयं रक्तदान करने का निर्णय लिया। ऐसा कर उन्होंने न सिर्फ इस बेसहारा महिला की मदद करते हुए उसके बेटी शिल्पा की जान बचाई बल्कि इलाज के साथ ही किसी की जान बचाने के लिए स्वयं रक्तदान जैसे महान कार्य के लिए सहर्ष तैयार हो कर यकीनन हर एक इंसान के लिए मिशाल पेश की है।और ऐसा कर उन्होंने यह दिखा दिया है कि कोई भी इंसान किसी की जान बचाने के लिए आगे आ सकता है।वह भी धर्म की दीवारों को लांघ कर।