गोंडा। एक ईश्वर की उपासना और सच्चे ईश्वर की पूजा ही मानव को जीवन पर्यन्त शांति प्रदान कर सकती है। यही वह विचार और आदर्श थे जिसके लिए भक्त प्रहलाद को अग्नि में डाला गया और जगत प्रभु ने न सिर्फ उन्हें बचाया बल्कि बुराई के प्रतीक होलिका को इसी अग्नि में भस्म भी होना पड़ा। सत्य की इस अग्नि परीक्षा में विजई प्रहलाद को सकुशल देख लोगो ने हर्ष व्यक्त करते हुए खुशी में जम कर रंग अबीर और गुलाल उड़ा कर खुशियां मनाई। यही पावन पर्व होली आज बदरंग सी लगने लगी है। वजह है इस पर्व पर अत्यधिक नशे का सेवन और नशे में धुत लोगों का हुड़दंग।
इस हुड़दंग से जहां एक तरफ आपसी विवाद पैदा होते हैं तो वही इससे आपसी सौहार्द भी बिगड़ता है। इसके साथ ही अत्यधिक नशे का सेवन कर जब लोग सड़कों पर तीव्र गति से वहां चलाते हैं तो दुर्घटनाएं भी होती हैं। ऐसे हालात से बचने के लिए मेडिकल कालेज के आर्थो सर्जन डॉक्टर अरुण मिश्रा का कहना है कि लोगों को चाहिए की इस बार होली में नशे के सावन से बचे।
तेज रफ्तार ड्राइविंग से भी परहेज करे।कभी कभी ऐसा भी होता है कि ट्रॉमा सेंटर में दुर्घटना होने के उपरांत घायलों की स्थिति इतनी भयावह होती है कि घायलों को बचाना मुश्किल हो जाता है। यही नहीं कभी कभी तो घायलों के अंगो को काटना भी पड़ता है। और यह सब होता है सिर्फ होली में नशे के अत्यधिक प्रयोग के कारण।
डॉक्टर अरुण ने लोगों से अपील करते हुए कहा है कि लोगों को चाहिए कि वे इस बार होली पर गुझिया खाएं, नमकीन खाएं, और अपने परिवार, मित्रों के संग हर्षोल्लास के साथ पर्व मनाएं। अबीर गुलाल लगाए सुरक्षित रहे और लोगों को भी इस बार सादगी के साथ नशे को नो कहते हुए होली को मानने के लिए समझाएं। घर की महिलाओं से भी उन्होंने अपील करते हुए कहा की युवाओं के इस नशे की चपेट में आने का प्रमुख कारण घर में बड़ों के द्वारा नशे का प्रयोग किया जाना इसका एक कारण हो सकता है। इसलिए उन्हें चाहिए की घर के लोगों को इस बला से दूर रहने के लिए प्रेरित करें।
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