अपराध उत्तर प्रदेश राजनीति

योगी सरकार पर ब्राहम्ण विरोधी होने के लग रहे आरोप हुए धराशायी, अब तक हुए एनकाउन्टर में 47 की संख्या के साथ अल्पसंख्यक हैं शीर्ष पर

Written by Vaarta Desk

लखनउ। माफिया विकास दूबे के एनकाउन्टर के बाद जहां उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को ब्राहम्ण विरोधी साबित करने का अभियान चलाया जा रहा था उसका जबाव आज प्रदेश के पुलिस मुखिया ने जनता को दे दिया।

उत्तर प्रदेष के पुलिस मुखिया पुलिस महानिदेशक हितेश चन्द अवस्थी ने आज जारी किया गये आंकडो से इस बात का साबित कर दिया कि योगी आदित्यनाथ सरकार के अब तक के साढे तीन वर्षो में किये गये एनकाउन्टर में सर्वाधिक 47 एनकाउन्टर अल्पसंख्यक अपराधियों के किये गये हैं, दूसरे नम्बर की बात करें तो उनमें जरूर ब्राहम्ण हैं जिनकी संख्या 11 बतायी गयी है।

इसी तरह अब तक किये गये एनकाउन्टर में 8 यादव हैं वहीं कुल 124 में बचे शेष 58 में ठाकुर, वैश्य, पिछडे, अनुसुचित जाति और अनूसूचित जनजाति के अपराधी शामिल है।

डीजीपी ने इस बात का भी खुलासा किया कि इन एनकाउन्टर में सर्वाधिक घटनायें मेरठ में हुयी है जिनमें 14 अपराधी मारे गये वही दूसरे नम्बर पर मुजफफर नगर रहा जहंा इस दौरान कुल 11 अपराधियों का एनकाउन्टर किया गया, इसी तरह सहारनपुर में 9, आजमगढ में 7 तथा शामली में 5 अपराधियों को अपनी जान से हाथ धोना पडा।

ब्ताते चलें कि डीजीपी द्वारा जारी किये गये आंकडें विगत 31 मार्च 2017 से लेकर 9 अगस्त 2020 तक के है। डीजीपी द्वारा जारी किये गये ये आंकडें जहंा ऐसये लोगों की मंशा को घ्वस्त कर रहे है जो योगी सरकार को ब्राहम्ण विरोधी साबित करने का कुचक्र रच रहे थे वही इस बात को भी साबित कर रहे हैं कि सरकार किसी जाति को लेकर पूर्वाग्रह से ग्रसित नही है और वह उत्तर प्रदेश को अपराध मुक्त बनाने के लिए कटिबद्व है और इसी मंशा को लेकर काम कर ही है।

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