स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने स्पेशलिस्ट कैडर ऑफिसर के पदों पर विज्ञप्ति जारी की है। इस भर्ती प्रक्रिया में कुल रिक्त पदों की संख्या 38 है। इच्छुक एवं योग्य उम्मीदवार आवेदन करने से पहल नोटिफिकेशन डाउनलोड कर लें ताकि सभी जानकारियों को सफलता पूर्वक भरा जा सके। । उम्मीदवार ऑनलाइन तरीके से आवेदन कर सकते हैं। ऐसे करें आवेदन:
इच्छुक उम्मीदवार स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करें। उम्मीदवार 06 दिसंबर 2018 से पहले ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
Other details:
Location: India
Organization: स्टेट बैंक ऑफ इंडिया
Starting Date Of Online Form Submission: 2018/11/22
End Date Of Online Form Submission: 2018/12/06
Minimum Age (in Year): 21 वर्ष
Maximum Age (in Year): 45 वर्ष
Selection Procedure:उम्मीदवारों का चयन लिखित परीक्षा एवं मेरिट लिस्ट के आधार पर किया जाएगा।
Application Fees: सामान्य/ओबीसी वर्गों के लिए आवेदन शुल्क 600 रूपये हैं। अन्य के लिए 100 रूपये हैं।
Education Qualification:शैक्षणिक योग्यता के लिए उम्मीदवार नोटिफिकेशन देखें।
शासन प्रशासन की उदासीनता दिल्ली को बना रही नर्क : जीवन मित्तल
दिल्ली में अतिक्रमण, अवैध निर्माण, भू उपयोग उल्लंघन आदि जोरों पर है। दिल्ली की हर कॉलोनी में निर्माण मामले में हर कोई 2 दूनी 4 कर रहा है। दिल्ली के हर गाँव में लाल डोरा है पर हर कोई इसे इग्नोर कर निर्माण जारी रख रहा है। इस सब से दिल्ली में बेतहाशा भीड़ है।
राष्ट्रपति पद के लिये एक नही बल्कि दो दो बार प्रत्याशी रह चुके समाजसेवी जीवन कुमार मित्तल ने देश की राजधानी दिल्ली की दुर्दशा पर जहाँ प्रधानमंत्री मोदी के पीएम उदय कार्यक्रम को कटघरे में खड़ा किया है वही इस दुर्दशा के जिम्मेदार अन्य पहलुओं पर चर्चा करते हुए कहा है कि राजधानी दिल्ली में अनवरत जारी अवैध निर्माण से ट्रैफिक की, पटरियों की, पानी की, पार्किंग की, बिजली की, मूवमेंट की, सीवर की जबरदस्त परेशानी हो रही है। हाउसिंग फाइनेंस कम्पनियाँ किसी को भी लोन दे दिल्ली का लोड बढ़ा रही हैं। हजारों अवैध कॉलोनी हैं जिसे हर कोई वैध करने कराने पर तुला है। इस सब से अवैध को बढ़ावा मिल रहा है। अवैध कहीं थम नहीं रहा।
श्री मित्तल ने कहा सीलिंग हेतु कानून होता है पर संसद में सीलिंग रोधी कानून पास हो जाता है। हर बिल्डर मान रहा है: सरकार हमारा क्या कर लेगी, क्या उखाड़ लेगी? दिल्ली की 50% से ज्यादा आबादी सम्पति कर नहीं दे रही। नगर पालिका को पता ही नहीं कि दिल्ली में कितनी प्रॉपर्टी हैं।
भारत सरकार PM UDAY लाती है तो अवैध कॉलोनी वालों के हौसले आसमान छूने लगते हैं। दिल्ली की आबादी ऑस्ट्रेलिया, कनाडा आदि से ज्यादा है और दिल्ली हर जगह नर्क है। अब अवैध की किसी सूचना पर कहीं कोई कार्यवाही नहीं होती। अवैध की सूचना देने वाले को कार्यपालिका और विधायिका द्वारा स्थाई प्रताड़ित किया जाता है।
अवैध पर जिला, राज्य और राष्ट्रीय हर न्यायपालिका मौन है। DDA के 1 2 3 मंजिले फ्लैट 4 5 मंजिल हो रहे हैं। दुकानों के ऊपर 4 मंजिले घर या दड़बे बन रहे हैं। हर जगह जंगल राज है। हर जगह कंक्रीट का जंगल बन रहा है। जल मार्गों के साथ, नालों के साथ लाखों मकान हैं।
फ्लाईओवर के नीचे भिखारियों के डेरे हैं। मेट्रो रेल लाइनों के नीचे पिल्लर के बीच हजारों लोगों के टेंट हैं। रेल पटरियों से सटे पक्के तिमंजिले मकान हैं जिससे हर रेल धीरे हो और तेज हॉर्न बजा कर गुजरती है। ‘जहाँ झुग्गी वहां मकान’ का नारा मूर्खता है। इंडस्ट्रियल एरिया में कमर्शियल एक्टिविटी पनप रही हैं। रेजिडेंशियल एरिया में लाखों फैक्ट्री चल रही हैं।1996 में राष्ट्रीय कोर्ट से घरेलू फैक्ट्री को हटाने की स्कीम आई और हजारों को बवाना में प्लाट मिले। 2021 में दिल्ली के घरों में 1996 के मुकाबले 4 गुना फैक्ट्री हैं। लाखों फैक्ट्री बिना पंजीकरण, बिना बोर्ड चल रही हैं।
जीवन मित्तल ने जहाँ दिल्ली की प्रमुख समस्याओं पर केंद्र ही नही केजरीवाल सरकार को भी घेरा है वही इन समस्याओं का समाधान भी बताते हुए कहा है दिल्ली सर्वाधिक प्रदूषित शहर है जहाँ हर कोई ‘कदम कदम बढ़ाये जा’ गा रहा है। सरकार को हर अवैध पर रोक लगानी चाहिए ताकि दिल्ली सांस ले सके।