नई दिल्ली। शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व के सबसे बडे और बहु प्रतीक्षित वैक्सीनेशन कार्यक्रम का शुभारम्भ किया, इसके साथ ही देश के हजारों केन्द्रों पर स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन देने का काम आरम्भ कर दिया गया वही इस कार्यक्रम और वैक्सीन पर सवाल उठाने वालों को वैक्सीन निर्माता कम्पनियों ने जवाब देते हुए कहा कि यदि वैक्सीन से कोइ्र्र गम्भीर प्रतिकूल परिणाम सामने आते है तो उसके लिए मुआवजा दिया जायेगा।
आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने वीडिया कांन्फेसिंग के जरिये देश मे कोरोना टीकाकरण कार्यक्रम का आरम्भ कर दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमे इस दिन की बडी बेसब्री से प्रतीक्षा थी, उन्होनें राष्ट्कवि रामधारी सिंह दिनकर की पक्ंितयों का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होनें कहा था कि मानव जब जोर लगाता है तो पत्थर भी पानी बन जाता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरोना टीका को विकसित करने में हमारे वैज्ञानिकों ने बहुत मेहनत की है। कोरोना की चपेट मे ंआकर गाल के काल में समा गये लोगो को याद करते हुए भावुक हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा िकइस काल मे ंऐसे कई हमारे भाई थे जो बीमार होने पर अस्पताल गये लेकिन वापस अपने घर नही आ पाये।
वही भारत की वैक्सीन निर्माता कम्पनी भारत बायोटेक जिसने भारत सरकार को अपनी पहली खेप में 50 लाख डोज की आपूर्ति की है ने इस बात की घोषणा करते हुए कहा कि यदि टीकाकरण कार्यक्रम में किसी को भी किसी भी तरह की गम्भीर प्रतिकूल प्रभाव होता है तो उसे भारत बायोटेक प्र्यापत मुआवजा देगी। भारत बायोटेक का इस बयान इस मायने मे ंलिया जा रहा है जिसमें कुछ नेताओ द्वारा वैक्सीन की गुणवत्ता को लेकर सवालिया निशान लगाया गया था।