देश विरोधी गतिविधियो ंसहित रोहिग्याओं को अवैध रूप् से भारत में बसाने का चला रहे थे धंधा
लखनउ। उत्तरप्रदेश की एटीएस ने सोमवार को प्रदेश के विभिन्न शहरों मे ंरह रहे दो रोहिग्याओ को गिरफतार कर एक बडा खुलासा किया है। बताया जा रहा है कि इनका एक गैंग भारी भरकम धन के बदले बांग्लादेश सीमा से अवैध रूप से रोहिग्याओ ंको भारत मे ंलाकर उन्हें काम दिलाता है इतना ही नही उन्हें भारतीय पहचान पत्र भी फर्जी रूप् से उपल्रब्घ करा उन्हें भारतीय नागरिक की पहचान दिलाने का भी काम करता है।
यूपी एटीएस ने एक बडी कार्यवाही करते हुए रविवार को अलीगढ में रह रहा रोहिग्यां हसन अहमद को गिरफतार किया, बताया जा रहा है कि हसन अलीगढ में अपना नाम मोहम्मद फारूख बता कर रह रहा था जो वास्तव में म्यामार के आकियाब का रहने वाला है। एटीएस को हसन से पूछताछ मे ंजानकारी मिली तो उन्होनें हसन का भाई जो कि उन्नाव मे शाहिद के नाम से रह रहा था जबकि वास्तव में उसका नाम साहिल मुहम्मद है को भी गिरफतार कर लिया है। साहिल को एटीएस ने सोमवार केा गिरफतार किया। एटीएस ने साहिल के पास से पांच लाख भारतीय रूप्ये सहित भारतीय पासपोर्ट तथा अन्य भारतीय प्रपत्रो को भी बरामद किया हैं।
एटीएस के सूत्रो ंसे मिल रही जानकारी के मुताबिक अलीगढ से गिरफतार रोहिंग्या हसन ने इस बात को स्वीकार कर लिया है कि वह म्ंयामार का रहने वाला रोहिग्या है तथा अवैध दस्तावेजों के सहारे भारत मे ंरह रहा हूं उसेन इस बात को भी स्वीकार किया है कि उसका भाई उन्नाव मे ंरह रहा है। उसने यह भी बताया कि उसके साथ उसकी मां मदीना खातून भी रहती है। बताया जा रहा है कि एटीएस के पूछताछ मे ंउसने एक बडा खुलासा यह भी किया है कि वह और उसका भाई दोनेां मिलकर एक गैंग चला रहे है जिसका काम अन्य रोहिग्याओ ंको बांग्लादेश की सीमा से लाकर उनका यहां रजिस्ट्ेशन कराकर प्रदेश के कई जिलो ंमें रहने मे ंमदद करते है तथा इस काम के लिए उनसे मोटी रकम भी वसूलते हैं।
हसन और सहिल की इस गिरफतारी के बाद एटीएस उनके बताये अन्य रोहिग्याओ ंकी तलाश मे ंजुट गयी है। एटीएस की इस सक्रियता से आने वाले समय मे ंभारी मात्रा मे प्रदेष में रह रहे रोहिग्याओं की गिरफतारी के साथ साथ कई अन्य आपराधिक गतिविधियों का भी खुलासा होने की उम्मीद बढ गयी हैं
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