उत्तर प्रदेश गोंडा स्वास्थ्य

चौबीस घण्टे में 17 तो पिछले तीन दिनों में सांस में तकलीफ के चलते हुई 157 मौते, प्रमुख अधीक्षक ने लोगो से की संयम रखने की अपील

वायरस ने बदला स्वरूप, थ्रू नॉट व आर टी पी सी आर जांच को दे रहा चकमा

मरीजो में कोविड के लक्षण नही फिर भी हो रही मौते

गोण्डा । सांस लेने में तकलीफ व फेफड़ों के संक्रमण के चलते पिछले 24 घंटो में जनपद में 17 लोगों की मृत्यु हो चुकी है।यदि पिछले तीन दिनों का आंकलन करे तो 157 लोग इस गंभीर बीमारी के चलते इसके शिकार हो कर मौत के मुंह में समा चुके हैं। यह सभी आंकड़े जिला चिकित्सालय के 10 नम्बर रजिस्टर में दर्ज आंकड़ो पर आधारित है।अगर इनमे पिछली संख्याओं को भी मिला दे तो यह 250 से भी ज्यादा हो जाएंगी। इनमें वह संख्या भी शामिल है,जो मरीज ब्रॉड डेड आते हैं या अपने घरों पर ही इसकी चपेट में आकर दम तोड़ चुके है।
जिला चिकित्सालय में भर्ती मरीजों के बारे में जानकारी करने पर एक ही बात उनकी मौत के कारण में लिखी है,वह है सांस लेने में तकलीफ या फेफड़ों में संक्रमण।

वायरस दे रहा है चकमा

जिला अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉक्टर समीर गुप्ता ने बताया कि यह वायरस का बदला हुआ स्वरूप है।जो कि अब थ्रू नाट व आर टी पी सी आर की जांच को भी चकमा दे रहा है।उन्होंने बताया कि होता यह है कि मरीजी अपनी जांच कराने के लिए जब केंद्र पर जाता है तो उसकी सैंपलिंग नाक व गले से ली जाती है लेकिन यह वायरस अब इन दोनों जगह से हट कर फेफड़ो में पहुंच रहा है जिसकी वजह से यह अब इन जांचों से डिटेक्ट नही हो पा रहा है।लेकिन जब एक्सरे व सी टी स्कैन जांच होती है तो यह पकड़ में आ जाता है।डॉक्टर गुप्ता का कहना है कि हमे ऐसे सभी मरीजो को यही समझना होगा कि उन्हें कोरोना है।

उन्होंने बताया कि अब बचाव ही सबसे कारगर उपाय है। फिर भी यदि इसकी चपेट में कोई आ जाता है तो उसे चाहिए कि सपोर्टिंग दवाएं व ऑक्सीजन लेता रहे।इसके अलावा उन्होंने ईश्वर को हर समय याद कर इस परेशानी से बचने के लिए प्रार्थना भी करते रहने की बात कही।

कोई बेड खाली नही,डॉक्टर व कर्मचारी भी हो रहे कोरोना पॉजिटिव

जिला चिकित्सालय की स्थिति को यदि देखा जाय तो अब चिकित्सालय में मरीजो को भर्ती करने के लिए कोई जगह नही।कोविद हॉस्पिटल व जनरल हॉस्पिटल दोनों जगह पूरी तरह मरीजो से पटे हुए है।चिकित्सालय के डॉक्टर व स्टाफ के कई लोग भी कोरोना संक्रमण से ग्रसित है।इसकी वजह से चिकित्सालय के कार्यों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।इसकी स्वीकोरोक्ति प्रमुख अधीक्षक डॉक्टर घनश्याम सिंह ने की है।उन्होंने बताया कि कई डॉक्टर व कर्मचारी संक्रमित चल रहे हैं।जिससे कार्यों में प्रभाव पड़ रहा है।

मरीजो को भर्ती करने के लिए हो रही हाथापाई

जिला अस्पताल में सुबह करीब 10:30 बजे एक मरीज के परिजन मरीज को भर्ती करने के लिए डॉक्टर व स्टाफ से भिड़ गए उन्हें काफी समझाया गया किन्तु वह लोग इस बात को मानने के लिए तैयार न थे कि अस्पताल में जगह नही है।इसकी सूचना नगर कोतवाली को दी गई लेकिन तब तक मरीजी व उसके परिजन कही अलग अपने मरीज को लेकर चले गए।

जिला चिकित्सालय प्रमुख अधीक्षक ने लोगों से अपील किया है कि लोग संयम बनाये रहे,चिकित्सक व स्टाफ से अभद्रता न करे,लोग सोचे कि चिकित्सक व स्टाफ के लोग भी उनकी ही सेवा में लगे है,वह भी दिन रात अपने काम को लेकर आप लोगो की सेवा में खुद को झोंके हुए है,कई डॉक्टर व कर्मचारी इसके चल्ट्स संक्रमित भी हो चुके है।प्लीज ऐसा न करे,स्वास्थ कर्मचारियों को कार्य करने दे उनके कार्यों में बाधा न उत्पन्न करें।

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अशफ़ाक़ शाह

(संवाददाता)

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