महामारी एक्ट में मुकदमा भी किया जायेगा दर्ज
आगरा। कोई अस्पताल मात्र अपने इस जानकारी को प्राप्त करने के लिए एक दो नही बल्कि लगभग दो दर्जन लोगों को मौत की नींद सुला दे, सोचा भी नही जा सकता। लेकिन जिले के एक अस्पताल ने मात्र यह जानने के लिए कि क्या आक्सीजन की कमी से मरीजों की मौत होती है या नही, लगभग दो दर्जन कोरोना मरीजों को मौत के मूहं में धकेल दिया। अस्पताल की इस कुकर्म के चलते प्रशासन ने जहां उसे सील कर दिया है वही महामारी एक्ट मे मुकदमा भी दर्ज करने की तैयारी कर रही है।
प्रकरण जिले के पारस अस्पताल का है जहंा से कोरोना महामारी की दूसरी लहर जब कहर ढा रही थी उस समय का एक वीडयो वायरल हुआ है जिसमें इस बात को अस्पताल प्रबंधंन द्वारा इस बात को स्वीकार किया जा रहा है कि उन्होने विगत 26 अपै्रल को आक्सीजन बन्द कर मरीजों के जीवित रहने केा लेकर एक मार्कडिल किया गया था। इस माकड्लि में सुबह सात बजे पांच मिनट के लिए भर्ती 96 मरीजों में से 22 मरीजों का दम घुटने लगा था उनके हाथ पैर नीले पड गय थे और उनकी मौत हो गयी थी।
प्रबंधन का इस तरह का वीडिया वायरल होने के बाद जिला प्रशासन से लेकर स्वास्थ्य विभाग में हडकंप की स्थिति बनी हुयी थी। प्रशासन ने कार्यवाही करते हुए जहंा पारस अस्प्ताल केा सील कर दिया वही अस्प्ताल प्रबध्ंान के विरूद्व महामारी एक्ट मे मुकदमा भी दर्ज किये जाने की तैयारी कर रही है। मामले पर जिलाधिकारी प्रभू एन सिंह ने बताया कि अस्पताल में अभी भी 55 मरीज भर्ती है जिन्हे अलग स्थानांतरित किया जायेगा। उन्होेंने कहा कि वायरल वीडियो के मुताबिक 26 अपै्रल को हुयी मौत आक्सीजन की कमी से नही हुयी थी, यह मौत अस्पताल के माकड्लि का नतीजा था। उन्होनें यह भी बताया कि 26 को ही अस्पताल को 149 आक्सीजन सिलेंण्डर, 27 को 121, 28 को 117 सिलेण्डर दिेये गये थे। इस तरह आक्सीजन की कमी होने का कोई सवाल ही नही है।