भाजपा ने आरोपों को बताया झुठा, बनाई जा रही है कहानी, राज्यपाल की शरण लेगें आरोपी विधायक
महाराष्ट्। यू ंतो देश की सभी राजनैतिक पार्टियों में से भारतीय जनता पार्टी को सबसे संस्कारी राजनैतिक पार्टी माना जाता है। लेकिन आज महाराष्ट् विधानसभा में जो वाकया सामने आया उसने भाजपा के इस दावे की भी पोल खोल कर रख दी। यहां अपनी बात को रखने के लिए प्रर्याप्त समय न मिलने का आरोप लगाते हुए भाजपा विधायकों ने स्पीकर के साथ अभद्रता कर डाली जिससे उन्हें निलम्बित कर दिया गया। भाजपा ने आरोपों को निराधार बताते हुए राज्यपाल के सामने मामले को रखने का निर्णय लिया है।
प्रकरण सोमवार से आरम्भ हो रहे महाराष्ट् विधानसभा के मानसून सत्र का है। सत्र आरम्भ होते ही सदन मे अफरातफरी मच गयी। सदन में भाजपा के विधायकों ने ओबीसी आरक्षण का मुददा उठाते हुए उस पर बोलने के लिए समय मांगा लेकिन आरोपों के अनुसार स्पीकर भाष्कर जाधव ने उन्हे बोलने के लिए प्रर्याप्त समय नही दिया और सदन की कार्यवाही भी स्थगित हो गयी। इसी मामले केा लेकर भाजपा के कुछ विधायक अध्यक्ष के केबिन में उनके मिलने गये जहंा पर विवाद हो गया और विधायकों ने उन्हें गाली देते हुए असभ्य भाषा का प्रयोग किया।
मामले पर विधानसभा अध्यक्ष भास्कर जाधव ने मीडिया केा सम्बोधित करते हुए कहा कि विपक्षी ने ता मेरे केबिन मे आये और देवेन्द्र फणनवीस तथा वरिष्ठ नेता चन्द्रकांत पाटिल के सामने अससंदीय भाषा का प्रयोग करते हुए मुझे गालियां भी दी। उन्होनें यह भी कहा कि कुछ विपक्षी भाजपा नेताआंें ने मेरे साथ मारपीट भी की। हालाकिं विपक्षी नेता देवेन्द्र फणनवीस ने इन सभी आरोपो को सिरे से नकारते हुए कहा कि ये सभी आरोप झूठेें हैं। एक कहानी बनायी जा रही है भाजपा के किसी भी विधायक ने स्पीकर को गाली नही दी है। उन्होंने यह भी कहा की विधायकों पर लगाए गए गलत आरोपों, उन्हें निलंबित करने को लेकर शाम को राजयपाल से मुलाकात कर उनके समक्ष अपनी बात रखी जाएगी !
स्पीकर को गाली देने और अभद्रता करने के आरोप में भाजपा विधायक संजय कुटंे, आषीश शेला, अभिमन्यु पवार, गिरीश महाजन, अतुल भटकलकर, पराग अलावनी, हरीश पिंपले, राम सतपुते, विजय कुमार रावल, योगेश सागर, नारायण कुचे, कीर्तिकुमार बागंडिया सहित 12 विधायकों को एक वर्ष के लिए विधानसभा से निलम्बित कर दिया गया है!