फर्जी पत्रकारिता के ठेकेदारों ने सोशल मीडिया पर छेडी जंग
गोण्डा। आये दिन फर्जी पत्रकारों द्वारा पत्रकारिता जैसे पवित्र कार्य को बदनाम करने की घटनाये सामने आती रहती है ऐसी ही घटनाओं में एक कडी आज उस समय और जुड गयी जब अपने आपकों एक स्थानीय दैनिक समाचार पत्र का पत्रकार बताने वाला व्यक्ति घायल अवस्था में जिला चिकित्सालय में भर्ती हुआ, इतना ही नहीं ऐसे लोगों की ठेकेदारी करने वाले कुछ कथित पत्रकारों ने उसे पत्रकार घोषित करते हुए सोशल मीडिया पर उसके पक्ष में लामबंदी शुरू करते हुए जंग छेड दी जबकि बताये जा रहे समाचार पत्र के सम्पादक ने ऐसे किसी भी पत्रकार के अपने समाचार पत्र के लिए कार्य किये जाने को सिरे से नकार दिया।
घटना जनपद के तरबगंज क्षेत्र की है जहां के ग्राम गडौली निवासी मनोज कुमार श्रीवास्तव पर उसी के गांव के ही कुछ लोगों ने सुबह हथियारो से हमला कर दिया, घायल अवस्था में जिला अस्पताल में भर्ती इस व्यक्ति ने अपने आपकों एक सम्मानित स्थानीय समाचार पत्र का संवाददाता बताते हुए बताया कि उसपर चार लोगों ने लाठी, डंडे से हमला कर दिया। उसने यह भी बताया कि उसे कटटा दिखा जान से मारने की भी धमकी दी गयी। हैरानी तो इस बात की हुयी कि एक तरफ जहां समाचार पत्र के सम्पादक ऐसे किसी भी पत्रकार के द्वारा अपने समाचार पत्र के लिए कार्य किये जाने की बात को सिरे से नकार रहे हैं वहीं जनपद के ही कुछ कथित पत्रकारों ने इस फर्जी पत्रकार के पक्ष में सोशल मीडिया पर लामबंदी करते हुए जंग छेड दी।
सम्पादक द्वारा नकारें जाने और कथित पत्रकारो ंद्वारा फर्जी पत्रकार की हिमायत किये जाने की यह घटना स्पष्ट रूप से दिखाती है कि जनपद में पत्रकारिता का स्तर कहां पहुचं चुका हे, चाटुकारिता, डग्गेमारी को ही पत्रकारिता समझ चुके ऐसे फर्जी लोगों की हिमायत करने वाले पत्रकारो को यह समझने की जरूरत है कि वे अपने इस कृत्य से न केवल पत्रकारिता को ही कलंकित कर रहे बल्कि इस पवित्र कार्य पर लग रहे बराबर धब्बों मे एक धब्बा और जोड रहे है।
हालकिं अगर बात की जाये मनोज श्रीवास्तव पर जानलेवा हमले की तो उसकी वजह कुछ भी रही हो पुलिस ने मामले को दर्ज कर लिया है और उससे अपेक्षा की जाती है कि वह निष्पक्ष रूप से जांच कर दोषियों पर अवश्य उचित कार्यवाही करेगी।