उत्तर प्रदेश गोंडा लाइफस्टाइल स्वास्थ्य

भीख मांगने को विवश हो रहे एन एच एम के 900 कर्मचारी, तीन माह से नही मिला वेतन

बिना वेतन विपरीत परिस्थितियों में कर रहे कोरोना कार्य, बिगड़ा घर का बजट

गोण्डा। जिले के स्वास्थ विभाग में एन एच एम के द्वारा सी एच सी, पी एच सी पर तैनात 900 कर्मचारियों को वेतन न मिलने कर्मचारियों में रोष है।विभाग को नींद से जगाने के लिए कर्मचारियों ने सी एम ओ कार्यालय पर वेतन दिए जाने की बात को लेकर प्रदर्शन किया व ज्ञापन भी सौंपा।

कर्मचारियों का कहना है कि पिछले साल से ही सभी कर्मचारियों की कोविड 19 में ड्यूटी लगाई गई है जिसे वह पूरी ईमानदारी के साथ जोखिम उठाते हुए कर रहे हैं फिर भी सी एम ओ कार्यालय से कभी भी उन्हें समय से वेतन नही मिलता। हमेशा यही बात दोहराई जाती है कि बजट न होने के कारण वेतन भुगतान में देरी हो रही है।जबकि ए सी में बैठकर काम करने वाले डी पी एम यू के अधिकारी समय से वेतन प्राप्त कर रहे है।

ज्ञात हो कि एन एच एम के द्वारा जिले में कई लैब टेक्नीशियन, लैब सहायक, आयुष डॉक्टर, ए एन एम सहित अन्य पदों पर स्वास्थ्य कर्मचारी कार्य कर रहे है ! जिनमे बहुत से कर्मचारी अन्य जनपदों से यहां आकर किराये पर रह कर अपनी ड्यूटी करते है,  जिन्हें तीन तीन माह से वेतन न मिलने के कारण अपना जीवन यापन करने में बहुत कठिनाई हो रही है। जबकि विभाग इस कठिनाई से अनभिज्ञ बना हुआ है। कर्मचारियों ने तत्काल वेतन भुगतान की मांग सी एम ओ से की है।

कर्मचारियों को वेतन भुगतान न किये जाने संबंध में जब मुख्य चिकित्साधिकारी राधेश्याम केशरी से वेतन भुगतान में आ रही परेशानी का कारण पूंछा गया तो उन्होंने बताया कि बजट खत्म हो जाने के कारण भुगतान में देरी हुई है परंतु कर्मचारियों के वेतन भुगतान को लेकर वह चिंतित है इसके लिए अन्य दूसरे मद से इन कर्मचारियों का भुगतान एक या दो दिन में करने की व्यवस्था की जा रही है। जल्द ही उन्हें भुगतान कर दिया जाएगा।

संविदा पर तैनात कर्मचारियों को समय से वेतन भुगतान न किए जाने का यह मामला अब बहुत पुराना हो चुका है ! विभाग के कई कर्मचारी दबी जुबान से इस बात को स्वीकारते है कि ऐसा कार्यालय के कुछ बाबुओ के द्वारा जानबूझ कर किया जा रहा है। बजट का रोना तो एक बहाना है यह परेशानी कृत्रिम रूप से इन्ही बाबुओ के द्वारा कर्मचारियों का शोषण किये जाने के लिए हर वर्ष बनाया जाता है। मुख्य चिकित्साधिकारी को चाहिए कि इस कृत्रिम परेशानी को खत्म कर कर्मचारियों का शोषण रोकने के लिए ऐसे बाबुओ पर ठोस दंडात्मक कार्यवाही करे तभी इस समस्या से निजात मिलेगी।

अब इसे स्वास्थ्य विभाग का भ्रष्टाचार कहे या लापरवाही फ़िलहाल इसी वजह से भुखमरी के कगार पर पहुंच चुके एनएचएम के 900 कर्मचारियों ने सीएमओ को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि उन्हें सोमवार तक बकाया वेतन नही दिया गया तो वे भीख मांगकर अपना जीवन यापन करेंगे और सभी कार्य बंद कर दिए जाएंगे !

उन्होंने यह भी कहा कि उनके इस निर्णय से जो भी स्थिति उत्पन्न होगी उसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी

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अशफ़ाक़ शाह

(संवाददाता)

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